कैलाश पर्वत उठाने वाला रावण, आखिर क्यों नहीं उठा पाया सीता स्वयंवर में रखा हुआ शिव धनुष?

Zee News Desk
Nov 21, 2024

महाराज जनक ने अपनी पुत्री सीता जी के विवाह के लिए स्वयंवर रचा था. जिसमें भगवान शंकर के धनुष को तोड़ने की शर्त रखी गई थी.

उस स्वयंवर में रावण ने भी भाग लिया था. मगर उसकी बारी आने पर वह शिव धनुष को हिला भी नहीं सका.

कई लोगों के मन में प्रश्न रहता है कि कैलाश पर्वत उठाने वाला रावण शिव धनुष कैसे नहीं उठा सका?

इसका जवान रामचरित मानस की एक चौपाई में ही दिया गया है.

"उठहु राम भंजहु भव चापा, मेटहु तात जनक परितापा"

इस चौपाई में राम जी के गुरु विश्वामित्र जी राम जी को शिव धनुष तोड़ने के लिए आदेश दे रहे हैं.

शिव धनुष को सिर्फ वहीं तोड़ सकता था, जो मन, क्रम और धर्म से दयालु, कृपालू और मृदुभाषी हो.

ये सभी गुणों से रावण वंचित था, जिसकी वजह से वह शिव धनुष को अपनी जगह से हिला भी नहीं सका.

Disclaimer

प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी इससे जुड़ा पढ़ें तो उससे पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

VIEW ALL

Read Next Story