यमलोक के आगे इंद्र की नगरी भी लगने लगी फीकी, जब गरुण पुराण ने बताई वहां की छोटी-बड़ी हर चीज

Zee News Desk
Sep 25, 2024

सनातन धर्म में व्यक्ति के मरने के बाद गरुण पुराण का पाठ किया जाता है. यह पाठ तेरवीं तक चलता है.

गरुण पुराण में इंसान के मरने से लेकर उसके आगे की यात्रा की बारे में विस्तार से वर्णन है.

गरुण पुराण में ही यमलोक के बारे में भी बताया गया है. आइए आज हम गरुण पुराण में बताए गए यमलोक के बारे में जानते हैं.

गरुण पुराण के अनुसार, यमलोक दक्षिण दिशा के नैऋत्यकोण के मध्य में मौजूद है.

पुराण के अनुसार यह हजार योजन में फैला हुआ है.

यहां पर न देवताओं और न ही दानवों का कोई प्रभाव पड़ता है.

गरुण पुराण के अनुसार यमलोक में चित्रगुप्त जी का बहुत सुंदर सा मंदिर भी है.

साथ ही नगर के अंदर यमराज का विशाल महल बना हुआ है, जिसमें कई तरह की सुविधाएं मौजूद हैं.

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