महान वैज्ञानिक आइंस्टीन ने परमाणु बम पर क्या कहा था?

Deepak Verma
Jun 13, 2024

दूरदर्शी आइंस्टीन

कहते हैं कि वैज्ञानिकों को आने वाले खतरे का अंदाजा हो जाता है. अल्बर्ट आइंस्टीन के मामले में यह बात एकदम सटीक बैठती है.

चेतावनी

दूसरे विश्‍व युद्ध की शुरुआत से पहले ही, आइंस्टीन ने परमाणु बम के खतरे से जुड़ी चेतावनी दे  दी थी.

आइंस्टीन की चिट्ठी

अगस्त, 1939 में आइंस्टीन ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट को पत्र लिखा था. आइंस्टीन ने कहा था कि यूरेनियम से नए तरह का, बेहद ताकतवर बम बनाया जा सकता है.

अमेरिका से अपील

आइंस्टीन ने अपना डर जाहिर किया कि नाजी जर्मनी शायद परमाणु बम पर काम कर रही हो. उन्होंने रूजवेल्ट से कहा कि वे इस दिशा में काम को तेजी दें.

परमाणु कार्यक्रम

अमेरिका ने 1941 में 'मैनहैटन प्रोजेक्ट' (एटम बम बनाने का कार्यक्रम) शुरू किया. आम धारणा से इतर, आइंस्टीन इस प्रोजेक्ट में शामिल नहीं थे.

पहला बम

अगस्त 1945 में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए. तबाही का मंजर देख पूरी दुनिया दहल गई, आइंस्टीन भी.

आइंस्टीन का रुख

बाद में, आइंस्टीन ने खुलकर जापान पर परमाणु हमले का विरोध किया. शायद उन्हें रूजवेल्ट को दी गई सलाह पर अफसोस हुआ होगा.

किया जागरूक

आइंस्टीन ने ताउम्र परमाणु हथियारों की खिलाफत की. वह दुनिया को एटम बम के खतरों के प्रति आगाह करते रहे.

आइंस्टीन के विचार

1955 में आइंस्टीन ने लिखा था, 'जब तक संप्रभु राष्ट्रों के पास महान शक्ति है, तब तक युद्ध अपरिहार्य है. यह कहने का प्रयास नहीं है कि यह कब होगा, बल्कि केवल इतना है कि यह निश्चित रूप से होगा. परमाणु बम बनने से पहले भी यह सच था. जो बदल गया है वह युद्ध की विनाशकारिता है.'

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