हवाई जहाज से यात्रा करने वाले हर व्यक्ति को यह अनुभव जरूर होता है. सीट पर बैठने के बाद विमान पीछे की तरफ बढ़ता है. तो क्या एरोप्लेन में रिवर्स गियर होता है?
रिवर्स कैसे जाता है प्लेन
कमर्शियल एयरक्राफ्ट में ताकतवर रिवर्सिंग सिस्टम लगे होते हैं जो तेजी से और प्रभावी ढंग से ब्रेक लगाने में मदद करते हैं. लेकिन उनमें कोई ऐसा सिस्टम नहीं होता जो एयरक्राफ्ट को पीछे की ओर ले जा सके.
पुशबैक ट्रैक्टर की जरूरत
विमान को पीछे ले जाने के लिए पुशबैक ट्रैक्टर्स की जरूरत पड़ती है. इसे टो ट्रैक्टर भी कहा जाता है, एक वाहन है जो विमानों को जेटवे से टैक्सीवे तक खींचता है.
क्रू करता है पीछे
विमान को पीछे धकेलने के लिए, ग्राउंड हैंडलर को विमान के नोज व्हील के नीचे पुशबैक ट्रैक्टर सपोर्ट डालना पड़ता है. इस सपोर्ट को टोबार कहते हैं.
नोज में स्टीयरिंग पिन
ग्राउंड क्रू पुशबैक पूरा हो जाने पर स्टीयरिंग पिन को हटा देती है. स्टीयरिंग पिन एक पट्टी है जिसे विमान के नोज व्हील में डाला जाता है, यह पुशबैक के दौरान विमान को कॉकपिट से हिलने से रोकती है.
हवा में पीछे उड़ना असंभव
कोई भी कमर्शियल पैसेंजर प्लेन हवा में पीछे की ओर नहीं जा सकता. पायलट किसी भी आधुनिक जेट विमान में उड़ान के दौरान जानबूझकर रिवर्स थ्रस्ट का यूज नहीं कर सकते.