महान वैज्ञानिक आइंस्टीन को ताउम्र रहा इस बात का अफसोस

(Photo : Library Of US Congress)

Deepak Verma
Jun 19, 2024

जर्मनी की खोज

1938 में बर्लिन की एक लैब में तीन वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की जो इतिहास का रुख बदलने वाली थी. उन्होंने यूरेनियम के परमाणु को तोड़ दिया था.

आइंस्टीन की चिट्ठी

जब अल्बर्ट आइंस्टीन को इसका पता चला तो उन्होंने अगस्त, 1939 में अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन रूजवेल्ट को एक पत्र लिखा. (Photo : Library Of US Congress)

वैज्ञानिक की चेतावनी

आइंस्टीन ने रूजवेल्ट से कहा कि अमेरिका परमाणु बम बनाने की दिशा में काम करे, नहीं तो जर्मनी ऐसा करने में कामयाब हो जाएगा.

आइंस्टीन रहे दूर

जुलाई, 1940 में अमेरिका के आर्मी इंटेलिजेंस ऑफिस ने आइंस्टीन को मैनहट्टन प्रोजेक्ट के लिए सिक्योरिटी क्लीयरेंस देने से मना कर दिया. (Photo : Library Of US Congress)

परमाणु हमला

6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर पहला परमाणु बम दागा. 9 अगस्त को US ने नागासाकी पर दूसरा बम छोड़ा.

दहल गए आइंस्टीन

1945 खत्म होते-होते, जापान के उन दो शहरों में करीब 2 लाख लोग मारे जा चुके थे. आइंस्टीन को परमाणु बम के इस्तेमाल से गहरा धक्का लगा.

जाहिर किया अफसोस

आइंस्टीन बाद के दिनों में बार-बार खुद को अमेरिका के परमाणु कार्यक्रम से अलग जताते रहे. उन्हें रूजवेल्ट को लिखे पत्र पर अफसोस था.

'कुछ नहीं करता'

महान वैज्ञानिक ने Newsweek मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा था, 'अगर मुझे पता होता कि जर्मन परमाणु बम बनाने में कामयाब नहीं होंगे, तो मैंने कुछ नहीं किया होता.'

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