(Photos : NASA)
उन्होंने कहा कि चांद धरती से तभी अलग हो सकता है, जब कोई बड़ा पिंड उससे टकराकर उपग्रह को खत्म कर दे.
यह कुछ वैसी ही टक्कर होगी जिसकी वजह से हमारा चांद बना था. Space.com की रिपेार्ट के अनुसार, ऐसा होने की संभावना बेहद कम है.
चांद के गायब होने का शुरुआती असर समुद्रों पर दिखेगा. ज्वार-भाटा के पीछे चांद का गुरुत्वाकर्षण बल काम करता है. चांद के बिना समुद्री जीवन संकट में आ जाएगा.
चांद के न होने का असर इंसानी जिंदगी पर भी पड़ेगा. समुद्र से करीब 50 किलोमीटर के दायरे में रहने वालों की लाइफ प्रभावित होगी.
चांद, पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने को भी नियंत्रित करता है. यानी जलवायु पर भी असर होगा. मौसम में बड़े बदलाव दिखेंगे.