अगर पानी का कोई रंग नहीं होता तो झरने में पानी सफेद क्यों दिखाई देता है?
पानी का रंग
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, शुद्ध पानी हल्की नीली रंगत लिए होता है. फिर हमें झरने का पानी सफेद क्यों नजर आता है?
बुलबुले
अगर पानी बेहद तेज गति से बढ़ रहा हो या घूम रहा हो, तो पानी में फंसी हवा बुलबुले बनाती है. इन बुलबुलों की वजह से झरने सफेद दिखते हैं.
रिफ्लेक्शन
वैज्ञानिक नजरिए से जवाब यह है कि जब किसी वस्तु की सतह से सभी तरह के रंगों का प्रकाश परावर्तित होता है, तो वह वस्तु सफेद दिखाई देती है.
शीशा
ठहरे हुए पानी की सतह एक होती है जिससे प्रकाश परावर्तित हो सकता है. काफी कुछ एक शीशे की तरह. यही वजह है कि साफ और ठहरे पानी में मिरर इमेज दिखती है.
टूटा कांच
अगर आप शीशे को तोड़ दें तो प्रकाश अलग-अलग दिशाओं में परावर्तित होगा. पिसा हुआ कांच इसलिए सफेद दिखता है. ठीक यही पानी के साथ होता है.
प्रक्रिया
अगर पानी में लगातार तेज हलचल उठती है फंसी हवा से बुलबुले बनते हैं. हर बुलबुले की अपनी सतह होती है जो खुद पर पड़ने वाले प्रकाश का कुछ हिस्सा ही परावर्तित करती है.
प्रकाश
चूंकि झरने में बहुत सारे बुलबुले होते हैं और उनका आकार भी अलग-अलग होता है, इसलिए प्रकाश कई दिशाओं में परावर्तित होता है और हमें सफेद रंग नजर आता है.
सफेदी
बादलों के सफेद नजर आने के पीछे भी यही प्रक्रिया काम करती है. धुंध, कागज, जलवाष्प, टैल्कम पाउडर, बर्फ, सफेद रंग और चीनी भी इसी कारण से सफेद दिखाई देते हैं.