एक बार कंपनी इन चीजों के बारे में जान लेती है तो उसे फोन का ऑफर प्राइज डिसाइड करने में आसानी होती है.
इसके बाद फ़ोन की बैटरी और कैमरा की कंडीशन पूछी जाती है
अब फोन के टच सेंसर्स की जानकारी ली जाती है
इसके बाद फोन में डैमेज और वर्किंग कंडीशन पूछी जाती है
इन डिटेल्स में कंपनी आपसे फोन का ब्रैंड और मॉडल के साथ फ़ोन खरीदने का साल पूछती है
फोन एक्सचेंज के लिए डालने पर e-कॉमर्स कंपनियां आपसे कई डिटेल्स लेती हैं
हालांकि कंडीशन के अलावा भी एक्सचेंज वैल्यू डिसाइड करने के कई स्टेप्स हैं
ज्यादातर लोग समझते हैं कि सिर्फ फोन की कंडीशन से वैल्यू डिसाइड की जाती है
फोन एक्सचेंज करने को लेकर कई बार लोगों को सही जानकारी नहीं होती है