जगन्नाथ मंदिर, ओडिशा के तटीय शहर पुरी में स्थित, भगवान विष्णु के अवतार जगन्नाथ को समर्पित एक हिंदू मंदिर है. यह चार धाम तीर्थस्थलों में से एक है. इस समय यहां जाना बेस्ट ऑप्शन होगा.
पुरी में स्तिथ इस खूबसूरत बीच को गोल्डन बीच के नाम से भी जाना जाता है. यहां पहुंचकर आप बेहद ही शांति और सुकून का अनुभव करते हैं.
13वीं सदी में बना ये मंदिर आज भी एक बेहद ही शानदार वास्तुकला का उदाहरण है. UNESCO ने इसे World Heritage Site भी घोषित किया है.
यह भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है. 1165 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और पक्षी प्रवासियों, जलीय जीवों और अनोखी जैव विविधता का घर है.
यह मंदिर भगवान जगन्नाथ की मौसी देवी गुंडिचा को समर्पित है. ये पुरी में रथ यात्रा उत्सव के दौरान भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के लिए निवास स्थान के रूप में प्रसिद्ध है.
यहां ये गांव बहुत ही फेमस है. यह अपनी समृद्ध कला और संस्कृति के लिए जाना जाता है. लोग यहा पीढ़ी दर पीढ़ी पट्टचित्र, लकड़ी की नक्काशी, पत्थर की नक्काशी और धातु की कामगिरी जैसी विभिन्न कलाओं में पारंगत हैं.
यह अपनी गोल्डन रेत, साफ नीले पानी और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है. यहां अपनों के साथ समय बिताना एक बहुत ही अनूठा अनुभव होगा.
भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन और फेमस हिंदू मंदिर है. यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाया गया था. लोग अक्सर यहां परिवार के साथ भगवन शिव का आशीर्वाद लेने आते हैं.