आस्था और शांति का अद्वितीय केंद्र है उत्तराखंड का ये मंदिर, जाने पुराणों मे बताई गई इसकी रहस्यमयी यात्रा

Zee News Desk
Sep 02, 2024

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में

देवभूमी उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में कनकचौरा गांव स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर जो, भगवान शिव के पुत्र कार्तिक को समर्पित है जानिये यहां की मान्यता क्या है.

यहां की मान्यता

जब भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों को ब्रह्मांड की सात बार परिक्रमा करने के लिए कहा, तब उनके बड़े पुत्र कार्तिक इस चुनौतीपूर्ण कार्य को लेकर अभियान पर निकल गए,

गणेशा

जबकि छोटे पुत्र भगवान गणेश ने अपने माता पिता की परिक्रमा की और उन्हें ही अपना ब्रह्मांड बताया.

भगवान कार्तिक

भगवान कार्तिक जब लौटे और उन्हे पता चला कि गणेश जी ने कार्य पूरा कर लिया और शिव जी की प्रशंसा प्राप्त की तो वह क्रोधित हो गए.

पुराणों मे

पुराणों मे बताया गया है कि क्रोध में भगवान कार्तिक ने अपने माता पिता को प्रसन्न करने के लिए क्रौंच पर्वत पर जाकर तप किया और अपने भौतिक शरीर को त्याग दिया.

कब जाना चाहिए

यहां पर भक्त कार्तिक पूर्णिमा पर बड़ी संख्या मे जाते है, आमतौर पर अक्टूबर से लेकर जून तक यहां जाना सही रहेगा. आप जून मे होने वाली कलश यात्रा पर भी जाने का प्लान बना सकते है

कैसे जाए

कनकचौरी गांव से कार्तिक स्वामी मंदिर जाने के लिए 3.5 किलो मीटर का ट्रैक करना पड़ता है

खूबसूरत नजारे

कार्तिक स्वामी मंदिर से हिमालय पर्वत के खूबसूरत नजारे भी दिखाई देते है,

पौड़ी गढ़वाल

यहां से दूर-दूर की पहाड़ियां जैसे गुप्तकाशी, केदारनाथ और मौसम साफ हो तो पौड़ी गढ़वाल भी दिखाई देता है.

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