बनारस की ये जगह है मैजिकल, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, बंगाल, नेपाल से आते हैं लोग

Zee News Desk
Jul 24, 2024

जादू

घाटों के शहर वाराणसी में मौजूद इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि इसमें जादू है.

सूर्य कुंड

इस दिव्य कुंड का बहुत महत्व है जिसे सूर्य कुंड के ना से भी जाना जाता है.

कुंड कैसे बना?

कहा जाता है कि देवासुर संग्राम के दौरान भगवान सूर्य के रथ का पहिया यहीं गिरा था. जिसके बाद ये कुंड बना.

कुंड

काशी के इस शक्तिशाली और चमत्कारी कुंड का नाम लोलार्क कुंड है.

संतान की प्राप्ति

इस कुंड का बहुत महत्त्व है. कहा जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाता है और जिसको संतान ना हो रहा हो उसे संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है.

दूर-दूर से आते हैं लोग

इस कुंड की मान्यता इतनी है की संतान प्राप्ति के लिए भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्नान के लिए दंपती बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, बंगाल, नेपाल सहित आसपास के जिलों से काशी पहुंचते हैं.

कहां है?

यह कुंड घाटों के शहर वाराणसी में तुलसी घाट के पास स्थित है.

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