भारत के वो गांव जहां डर भी डर जाता है, जाइए अपनी जिम्मेदारी पर

Zee News Desk
Jul 19, 2024

झारखंड के दुर्गापुर गांव में 300 सालों से होली नहीं मनाई गई है, गांव वालों का कहना है कि अगर होली खेली गई तो गांव में महामारी आ जाएगी. इस गांव के लोग अपने मरे हुए राजा के आदेश का पालन करते हैं.

पश्चिम बंगाल का बेनाग्राम, जहां जाने से पहले लोग दस बार सोचते हैं. कहा जाता है कि अपराधी इस गांव में कत्ल करके लाश फेंक दिया करते थे. धीरे-धीरे गांव वालों को आत्माएं दिखने लगीं.

लोगों में इतना दहशत बैठ गई कि लोग शाम होते ही अपने घरों में बंद हो जाया करते थे. लोगों के मुताबिक इस गांव में लोगों की हत्याएं होने लगी थी, जिन्हें वो आत्माएं ही मारती थी.

झारखंड में मौजूद तैमारा घाटी में कम्पास काम करना बंद कर देता है. लोगों का तो ये भी कहना है कि यहां मोबाइल को समय बदल जाता है. साल और तारीख बदल जाती है, समय बदल जाता है.

हिमाचल प्रदेश के मलाणा गांव में अगर कोई बाहरी किसी भी चीज को छू ले तो उसपर जुर्माना लगा दिया जाता है.

गांव वालों का मानना है कि अगर कोई बाहरी यहां की कोई भी चीज छू ले तो उनके देवता नाराज हो जाएंगे.

उत्तराखंड का स्वाला गांव भूतिया गांव के नाम से जाना जाता है. 1952 में यहां से सेना की गाड़ी गुजर रही थी, गाड़ी खाई में गिर गई जिसमें 8 जवान मौजूद थे. गांव को छोड़ने वालों के मुताबिक, सेना के उन जवानों की आत्मा किसी को भी इस गांव में रहने नहीं देती.

राजस्थान का कुलधरा गांव को 200 साल पहले लोगों ने छोड़ दिया था. कहो जाता है कि यहां के राजा की नजर गांव की एक सुंदर लड़की पर पड़ गई थी, शादी का दबाव बनाने लगा.

गांव वालों ने विरोध करते हुए गांव को छोड़ दिया और श्राप भी दिया कि कोई यहां बस नहीं पाएगा. कुछ लोगों को कहना है कि गांव वालो रातों रात गायब हो गए थे. आज ये गांव खंडहर हो चुका है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता.

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