जिस्म बेचकर बनी समंदर की मलिका, तलवार के नीचे पलते थे 80000 समुद्री डाकू

इस समुद्री डाकू का तालुक चीन से था. उसका नाम झेंग यी साओ था. उसका एक नाम चिंग शिह (Ching Shih) भी था. SCMP की रिपोर्ट के मुताबिक उसके पास 1800 से अधिक जहाज थे.

चिंग शिह 80 हजार लुटेरों पर राज करने वाली दुनिया की सबसे ताकतवर और एकलौती समुद्री डाकू हुई. इसकी आगे अमेरिका और यूरोप के समुद्री डाकुओं के चेहरे उतर जाते थे.

चिंग शिह का जन्म 1775 में दक्षिणपूर्व चीन के गुआंग्डोंग प्रांत के गरीबी से जूझ रहे समाज में हुआ. वो जवान हुई तो परिवार की जरूरतों और गरीबी ने उसे जिस्मफरोसी के दलदल में ढकेल दिया.

चिंग अपनी जवानी के शुरुआती दिनों में कैंटोनीज पोर्ट सिटी में उस दौर में मौजूद एक Floating Brothel (तैरते वेश्यालय) में काम करती थी, जिसे उस समय फ्लावर बोट कहा जाता था.

1801 में उस दौर के कुख्यात समुद्री डाकू कमांडर झेंग यी (Zheng Yi) की मुलाकात 26 साल की चिंग से हुई. वो उसकी सुंदरता और बिजनेस सीक्रेट जानने की अदा से उस पर रीझ गया. उसने जैसे-तैसे उसे शादी के लिए मनाया.

शादी के बाद से ही चिंग ने रेड फ्लैग फ्लीट में अपने पति की लूट और अंडरवर्ल्ड डीलिंग में पूरी तरह से हिस्सा लिया. उसके चर्चे यूरोप तक थे.

चीन के आसपास से भी गुजरने वाले जहाज उसे बिना हफ्ता दिए नहीं निकलते थे. उसकी संधि करने का अलग तरीका था. रिपोर्ट्स के मुताबिक या तो वो पूरा जहाज मय हथियार और राशन सबकुछ लूट लेती थी या टैक्स वसूल के उन्हें जाने देती थी.

224 साल पहले दुनिया में शायद वो सबसे बड़ी समुद्री डाकू थी. चिंग के धंधे के अलग उसूल थे. उसने कई शादियां की, उसने वैश्यालय खोले. रिपोर्ट्स के मुताबिक उसकी अगली कई पीढ़ियां भी जिस्मफरोश के काम से जुड़ी रहीं.

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