इंडोनेशिया में एक बड़ी चट्टान पर बने इस मंदिर का नाम तनाह लोट मंदिर है. समंदर के सात मंदिरों में से ये एक मंदिर है.
यहां सातों मंदिर एक के बाद एक बने हुए है. बता दें कि ये मंदिर देनपसार से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और बाली के दक्षिणी-पश्चिमी तट पर एक बड़े से चट्टान पर इस मंदिर को बनाया गया है.
यह मंदिर अपनी खूबसूरती के कारण श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षण का केंद्र है और बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक इसकी स्थापत्य कला को देखने आते हैं.
ये मंदिर समुद्र के देवता को समर्पित है और इसके साथ ही बाली के बारे में प्रचलित पौराणिक कथाओं का वर्णन इस मंदिर में मिलता है. इस मंदिर का निर्माण एक पुजारी ने कराया था. जिसे बनवाने में उन्होंने मछुआरों ने सहयोग लिया था.
तनाह लोत मंदिर' इंडोनेशिया के बाली में स्थित सबसे पवित्र और खूबसूरत स्थल है. स्थानीय भाषा में 'तनाह लोत' का मतलब समुद्री भूमि (समुद्र में भूमि) होता है.
बाली में जो भी घूमने आते हैं वो इस मंदिर में आना नहीं भूलते क्योंकि इस मंदिर का नज़ारा वाकई में बेहद खुबसूरत है और इसकी सुंदरता के चलते हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं।
खासकर सूर्यास्त के समय यहां का नज़ारा दिल को छू लेने वाली होती है. ये मंदिर एक ऐसे इलाके में है जहां कई तरह की पक्षियों के साथ हिरण देखने को मिल जाते हैं और अगर किस्मत अच्छी हो तो भालू और भेड़िए भी आपको दिख सकते हैं.
यह मंदिर जिस शिला पर टिका हुआ है, वह 1980 में कमजोर होकर झड़ने लगी थी, जिसके बाद मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र को खतरनाक घोषित कर दिया गया था.
जापान की सरकार ने इस चट्टान को बचाने के लिए इंडोनेशियाई सरकार की मदद की थी. इस दौरान चट्टान के लगभग एक तिहाई हिस्से को कृत्रिम चट्टान से ढंककर एक नया रूप दिया गया.
माना जाता है कि समुद्र में बने इस मंदिर की सुरक्षा में विषैले सांप तैनात रहते हैं. जिनका स्थान शिला के नीचे है. कहते हैं ये मंदिर को बुरी शक्ति और घुसपैठियों से बचाते हैं. मान्यता है कि पुजारी निरर्थ ने अपनी शक्ति से एक विशाल समुद्री सांप को पैदा किया था, जो आज भी इस मंदिर की रक्षा करता है.