समय बदला तो सीमाएं बदलीं. इस तरह दुनिया के नक्शे पर कुछ नए राष्ट्र स्थापित हुए. यहां उनकी स्वतंत्रता के वर्ष के आधार पर 6 सबसे युवा देशों के बारे में आपको बताते हैं.
साउथ सूडान, आजादी का साल 2011
दक्षिणी सूडान दुनिया का सबसे नया देश है, जिसने लंबे गृह युद्ध के बाद 9 जुलाई 2011 को सूडान से आजादी का एलान किया. साउथ सूडान गरीबी, सूखे और भुखमरी का शिकार है. राजनीतिक अस्थिरता की वजह से ये देश अभी तक उबर नहीं पाया है.
कोसोवो, आजादी का साल 2008
सबसे छोटे बाल्कन देश ने सर्बिया से खुद के स्वतंत्र होने की घोषणा के बाद 17 फरवरी 2008 को आजादी हासिल की. सर्बिया के साथ साथ रूस ने भी इस कदम का विरोध किया था. कोसोवो को अमेरिका और यूरोपीय संघ के बड़े देशों ने मान्यता दे दी है. ये देश अभी संयुक्त राष्ट्र का सदस्य नहीं है.
मोटेनेग्रो, आजादी का साल 2006
1991 में यूगोस्लाविया के विघटन के बाद सर्बिया और मोटेनेग्रो के नाम से एक देश की स्थापना हुई. लेकिन 2006 में उसका बंटवारा हो गया. इस तरह मोटेनेग्रो और सर्बिया दो अलग अलग देश बन गए.
सर्बिया, आजादी का साल 2006
अलग होने की शुरुआत मोंटेनेग्रो ने की और 21 मई 2006 को एक जनमत संग्रह कराया. इसमें 55% लोगों ने सर्बिया से अलग होने के हक में फैसला दिया. इस तरह सर्बिया अलग देश बना.
ईस्ट ऑफ तिमोर, आजादी का साल 2002
पूर्वी तिमोर को अब तिमोर लेस्ते के नाम से जाना जाता है. उसे 20 मई 2002 को इंडोनेशिया से आजादी मिली. हालांकि इंडोनेशिया से अलग होने का फैसला पूर्वी तिमोर के लोग एक जनमत संग्रह में कई साल पहले ही कर चुके थे. जनमत संग्रह के बाद इलाके में हिंसा भड़क उठी. इंडोनेशिया समर्थक चरमपंथियों ने लोगों पर हमले किए, जिसके बाद वहां UN की फोर्स को तैनात करना पड़ा था.
पलाऊ, आजादी का साल 1994
पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित पल 250 द्वीपों में फैला हुआ है. जिसकी जाबादी 21 हजार से भी कम है. इस क्षेत्र को 1994 में स्वतंत्रता मिली, लेकिन फ्री एसोसिएशन के एक समझौते के तहत, संयुक्त राज्य अमेरिका इसे वित्तीय सहायता प्रदान करता है.