पनडुब्बी अब भी लापता

टाइटैनिक के मलबे की खोज में अटलांटिक महासागर में गई पनडुब्बी अब भी लापता है.

Ajit Tiwari
Jun 21, 2023

2021 में शुरू हुई कंपनी

2021 में ओशनगेट कंपनी ने टाइटैनिक टूरिज्म की शुरुआत की. इसके लिए कंपनी ने टाइटन नाम की पनडुब्बी तैयार की.

कहां तक जा सकती है पनडुब्बी?

ये 13 हजार फीट से ज्यादा की गहराई तक गोता लगा सकती है और टाइटैनिक का मलबा 12.5 हजार फीट नीचे है.

ऑक्सीजन टैंक की व्यवस्था

लगभग 10,000 KG वजन वाले इस पनडुब्बी के पीछे के हिस्से में 90 घंटों के लिए ऑक्सीजन टैंक की व्यवस्था है.

टाइटेनियम से बनी खिड़की

पनडुब्बी की खिड़की को टाइटेनियम से तैयार किया जाता है. पनडुब्बी की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 9.2 फीट है.

व्यू के लिए लगे कैमरे

इस पनडु्ब्बी के अगले हिस्से में 380 एमएम का ऐक्रेलिक व्यूपोर्ट और कैमरा भी लगा हुआ है, जिससे बाहर का व्यू दिखता है.

टॉयलेट की भी व्यवस्था

इस पनडुब्बी में एक टॉयलेट की भी व्यवस्था होती है, जिसमें दरवाजे की जगह पर्दा लगा होता है.

कैसे मूव होती है पनडुब्बी?

इसमें लगे इलेक्ट्रिक थ्रस्टर्स पनडुब्बी को आगे-पीछे और ऊपर-नीचे मूव होने में मदद करते हैं.

गेम कंट्रोलर से चलाता है पायलट

इस पनडुब्बी को पायलट एक गेम कंट्रोलर की मदद से चलाता है. अटलांटिक महासागर में इसे पोलर प्रिंस नाम की शिप से लेकर जाया जाता है.

शिप की मदद से नीचे पहुंचती है

टाइटैनिक के मलबे के करीब पहुंचकर पनडुब्बी को पानी में उतारा जाता है, जिसके बाद ये मलबे की ओर चली जाती है.

VIEW ALL

Read Next Story