जानें कौन हैं हर्ष? हमास ने 200 दिनों से बना रखा है बंधक, पहली तस्वीर आई सामने

हमास ने जारी किया वीडियो

हमास ने बुधवार को अपने टेलीग्राम चैनल पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें हर्ष गोल्डबर्ग-पोलिन के बाएं हाथ का हिस्सा गायब है. जिससे पता चलता है कि 7 अक्टूबर को उसके हाथ में गहरी चोट लगी थी. लगभग 200 दिनों बाद उसका एक वीडियो सामने आया है, जिससे पता चलता है वह जिंदा है.

अमेरिका को हमास ने भेजा वीडियो

कई मीडिया रिपोर्ट की माने तो अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि हर्ष पोलिन जिंदा है, इसके लिए सोमवार को सार्वजनिक रिलीज से पहले अमेरिकी प्रशासन को भी यह वीडियो भेजा गया.

बंधकों में सबसे खास हैं पोलिन

हर्ष अपने माता-पिता, जॉन और राचेल गोल्डबर्ग-पोलिन और उनके "ब्रिंग हर्श होम" अभियान के माध्यम से वह इजरायली बंधकों के बीच सबसे प्रसिद्ध चेहरों में से एक बन गए हैं.

हर्ष के रिहाई के लिए माता-पिता कर रहे मेहनत

हर्ष जिनके बारे में अभी तक कोई सटीक सूचना नहीं थी, लेकिन उनके माता पिता ने उन्हें खोजने के लिए उनकी मां ने कई भाषण दिए हैं ,मीडिया साक्षात्कार और विश्व नेताओं के साथ बैठकें की. जिससे उन्हें इस वर्ष टाइम मैगज़ीन की सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में स्थान मिला है.

हर्ष का बम में उड़ा हाथ

सीएनएन के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शी गवाहों के माध्यम से उनके परिवार ने बताया था कि उन्हें आखिरी बार 7 अक्टूबर को एक बंकर में ग्रेनेड फेंकने का प्रयास करते हुए देखा गया था, जब उनके हाथ का एक हिस्सा उड़ गया था.

खींच कर ले गए गाजा

हमास के लोग पोलिन को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे. बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें हर्ष गोल्डबर्ग-पोलिन को एक ट्रक के पीछे उसे ले जाते दिखाया गया. जिसमें उसकी बांह का कोहनी से नीचे का हिस्सा गायब था.

24 साल के हैं हर्ष

हर्ष गोल्डबर्ग-पोलिन एक 24 वर्षीय इजरायली-अमेरिकी है, जो कैलिफोर्निया में पैदा हुए और 2008 में अपने माता-पिता के साथ इजरायल चले आए थे. तब वह 7 साल का था.

7 अक्टूबर को हमास ने बनाया बंधक

उनके परिवार वालों का कहना है कि हर्ष को संगीत, फुटबॉल, यात्रा करना पसंद है. वह गाजा की सीमा के पास 7 अक्टूबर को हुए संगीत समारोहों में भाग लेने गया था. हर्ष दिसंबर में दुनिया भर की यात्रा के लिए निकलने की योजना बना रहे थे. इससे पहले हमास के लोग बंधक बना लिए. उनके परिवार ने कथित तौर पर उन्हें "सक्रिय शांति अनुयायी" के रूप में वर्णित किया है, जो उस पहल का हिस्सा था जिसका उद्देश्य फुटबॉल के माध्यम से इजरायली और अरब बच्चों को जोड़ना था।

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