एनी फ्रेंक की किताब 'द डायरी ऑफ अ यंग गर्ल' दुनियाभर में खूब मशहूर है. अक्सर लोग इस किताब को पढ़ने के बाद रो देते हैं.
एनी फ्रेंक एक यहूदी लड़की थी, जो बड़ी होकर पत्रकार बनना चाहती थी. लेकिन दूसरे विश्व युद्ध में सारे हालात बदल गए.
नाजियों से जान बचाने के लिए यहूदी यूरोप के अलग-अलग हिस्सों में छिप गए.
इसी दौरान एनी फ्रेंक का परिवार भी नीदरलैंड के एम्सटर्डम में स्थित एक घर में छिपा गया था.
एनी का परिवार 1942 से लेकर 1944 तक एक ही घर में छिपा रहा. दो साल तक इन्होंने दुनिया नहीं देखि. फिर किसी ने इनके बारे में नाजियों को बता दिया.
जिसके बाद पूरे परिवार को यातना शिविरों में भेज दिया गया. एनी और उसकी बड़ी बहन मार्गो की 1945 में मृत्यु हो गई.
एनी ने इस दौरान एक किताब लिखी थी, जिसमें उन्होंने बताया कि छिपे रहने के दौरान उनके परिवार को क्या कुछ झेलना पड़ा.
यातना शिविर से परिवार में केवल एनी के पिता ही जिंदा लौट पाए और उन्होंने एनी की डायरी पब्लिश करवाई. जो 70 से अधिक भाषाओं में ट्रांसलेट की गई.
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