आज शनिवार 27 जुलाई को देश के 11वें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि है.
देश-दुनिया में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें पीपुल्स प्रेसिडेंट के नाम से भी जाना जाता है.
भारत के 11वें राष्ट्रपति बनने से पहले अब्दुल कलाम एक साइंटिस्ट थे. साल 1998 में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
आइए पूर्व राष्ट्रपति की पुण्य तिथि पर उनकी कुछ बातों को जानते हैं, जो हमारे भीतर सफलता की चिंगारी पैदा कर सकती है.
अब्दुल कलाम कहते हैं कि पहली सफलता मिलने के बाद आराम न करें, क्योंकि अगर आप दूसरे प्रयास में नाकाम हो जाएंगे तो सभी लोग यही कहेंगे कि पहली सफलता आपको भाग्य से मिली थी.
अब्दुल कलाम का कहना था कि इंतजार करने वाले लोगों को वही और उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ गए होते हैं. इसलिए अपने काम में निरंतरता के साथ लगे रहे.
अब्दुल कलाम का कहना था कि जब तक कोई नाकामयाबी की कड़वी गोली नहीं चखता है, वह कामयाबी के लिए पर्याप्त महत्वाकांक्षी नहीं हो सकता है.
पूर्व राष्ट्रपति का कहना था कि अगर आप अपने मिशन में सफल होना चाहते हैं, तो आपको अपना पूरा ध्यान अपने लक्ष्य पर केंद्रित रखना चाहिए.
उनका कहना था कि हम सभी अपना भविष्य नहीं बदल सकते हैं लेकिन अपनी आदतें बदल सकते हैं और हमारी आदतें निश्चित रूप से हमारा भविष्य बदल सकती हैं.