आचार्य चाणक्य एक महान ज्ञानी व्यक्ति थे.
राजनीति, समाज से लेकर व्यक्तिगत जीवन के बारे में उनकी बताई गईं बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक लगती हैं.
चाणक्य नीति के अनुसार, अपनी कुछ बातें किसी भी स्थिति में दूसरों को नहीं बतानी चाहिए.
उनके अनुसार, अगर आपको आर्थिक हानि हुई है तो इसे किसी से नहीं बताना चाहिए.
वैसे तो कहा जाता है कि दुःख बांटने से कम होता है, लेकिन चाणक्य के अनुसार मन का दुःख किसी से नहीं कहना चाहिए.
उनका मानना था कि लोग आपकी मदद करने के बजाय आपका मजाक उड़ा सकते हैं, जिससे दुःख और बढ़ सकता है.
इसी तरह अपनी पत्नी के चरित्र के बारे में भी किसी को न बताएं, इससे लोग इसका गलत फायदा उठा सकते हैं.
चाणक्य का मानना था कि अपने साथ हुए अपमान की बात भी किसी से न कहें, इससे आपकी प्रतिष्ठा कम होती
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