भुला दिए गए न्यूटन से पहले गति का नियम बताने वाले ये महर्षि!

4 महान ऋषि मुनि

आइए जानते हैं भारत के उन 4 महान ऋषि मुनि वैज्ञानिकों के बारे में, जिन्होंने कई बड़े खोज किए हैं.

आर्यभट्ट

इस लिस्ट में पहला नाम आर्यभट्ट का आता है. आर्यभट्ट को शून्य के आशिष्कारकर के रूप में जाना जाता है.

एक महान गणितज्ञ

आर्यभट्ट एक महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री भी थे. उन्होंने इस धारणा को भी खारिज किया कि राहु चंद्रमा को निगल लेता है.

चंद्रग्रहण

इसके अलावा आर्यभट्ट ने इस बात का भी पता लगाया कि चन्द्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी के आ जाने से और उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ने से चंद्रग्रहण होता है.

वराहमिहिर

दूसरा नाम वराहमिहिर का आता है. वराहमिहिर एक प्रख्यात खगोलशास्त्री थे. उन्होंने आज से 1500 साल पहले मंगल ग्रह पर पानी की उपलब्धता की भविष्यवाणी की थी.

चंद्रमा के प्रकाश

इसके अलावा वराहमिहिर ने ही यह बात बताई थी कि सूर्य के अलावा चंद्रमा या किसी अन्य ग्रह के अपने प्रकाश नहीं होते हैं. वे चंद्रमा के प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं.

ब्रह्मगुप्त

ब्रह्मगुप्त एक महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे. उन्होंने बीजगणित का प्रयोग ज्योतिष और खगोलशास्त्र की गणनाओं में किया था.

सिद्धान्तों का खण्डन

इसके अलावा ब्रह्मगुप्त ने पृथ्वी की परिभ्रमण गति तथा चन्द्रग्रहण एव सूर्यग्रहण से सम्बन्धित आर्यभट्ट एवं वराहमिहिर के सिद्धान्तों का खण्डन किया.

कणाद

ऐसा कहा जाता है कि महर्षि कणाद ने सर आइजक न्यूटन से पहले गति के तीन नियम बताए थे.