दाएं या बाएं, नंदी के किस कान में बोलनी चाहिए इच्छा

मनोकामनाएं

शिव मंदिर में लोग भगवान शंकर की पूजा करने के बाद नंदी के कानों में मनोकामनाएं बोलते हैं.

मान्यता

ऐसा माना जाता है कि शिव जी अधिकतर समय तपस्या में लीन रहते हैं.

तपस्या

शिवजी की तपस्या में विघ्न न पड़े, इसलिए नंदी उनकी सेवा में हमेशा लगे रहते हैं.

वरदान

कहा जाता है कि भगवान शंकर ने नंदी को वरदान दिया था कि जो भक्त तुम्हारे कान में अपनी मनोकामना कहेगा, उसकी मनोकामना पूर्ण होगी.

नियम

नंदी के कानों में अपनी मनोकामनाएं कहने के कुछ नियम है.

पूजा

उनकी कानों में अपनी बातें कहने से पहले उनकी पूजा करें

किस कान में

वैसे तो आप मनोकामना किसी भी कान में कह सकते हैं, लेकिन बाएं कान में कहने का महत्व अधिक होता है.

ध्यान रखें

मनोकामना मांगते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप बुरा करने की बात न कहें.

Disclaimer

यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.