महाभारत के युद्ध के समय बड़े से बड़े योद्धा ने विवशता के कारण अधर्म के पक्ष में लड़े थे, जिसमें से तीन भगवान परशुराम के शिष्य थे.
कुरू वंश की रक्षा की प्रतिज्ञा लेने वाले गंगापुत्र भीष्म, सुर्य पुत्र कर्ण और गुरू द्रोणाचार्य ने महाभारत के युद्ध में अधर्म का साथ दिया था.
कलयुग के होने वाले धर्म युद्ध में परशुराम के ही एक शिष्य धर्म की स्थापना के लिए युद्ध करेंगे.
परशुराम के यही शिष्य भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि होंगे, जो उनसे शिक्षा-दीक्षा लेंगे और अधर्म का नाश करेंगें.
श्रीमद्भगवत के अनुसार जब कलयुग में पाप बढ़ जायेगा और स्थिति अपने चरम पर होगी, उस समय कल्कि का अवतार होगा.
गरूण पुराण के अनुसार भगवान विष्णु के अब तक 9 अवतार हो चुके हैं, जिनमें मतस्य, वराह, नरसिंह, वामन, राम, कृष्ण, बुद्ध, कूर्म, और परशुराम हैं.
कल्कि का अवतार कलयुग और सतयुग के संधिकाल में होगा, जो 64 कलाओं से युक्त होगा.
हाल ही में 10 अगस्त को कल्कि जयंती मनाई गई है, इस दिन भगवान कल्कि की पूजा की जाती है.
कल्कि पहले ऐसे आवतार हैं जिनकी पूजा उनके जन्म से पहले की जा रही है.
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