महाभारत में दुर्योधन (Duryodhan) के मामा शकुनि (Mama Shakuni) को कुटिल बुद्धि और धूर्तता के लिए जाना जाता है.
कहा जाता है कि शकुनि ही महाभारत युद्ध के जिम्मेदार थे. उन्होंने ही कौरवों के मन में पांडवों के प्रति नफरत भरी थी.
मामा शकुनि जुए के खिलाड़ी थे. उनके कारण ही पांडव जुए में द्रौपदी को हार गए थे.
ऐसा कहा जाता है कि मामा शकुनि 1 से 6 के बीच जो भी संख्या कहते थे, पासा उसी संख्या को लाता था.
दरअसल, शकुनि चौसर' में जिन पासों का इस्तेमाल करत थे, वे कोई आम पासे नहीं थे. बल्कि जादुई पासे थे.
ऐसा माना जाता है कि शकुनि के पासे उनके मृत पिता की हड्डियों से बने थे. शकुनि के पिता की आत्मा का उस पासे में वास था.
शकुनि की चौसर में खासा रूचि थी. इसी को देखते हुए उनके पिता ने कहा था कि मेरी मृत्यु के बाद मेरी उंगलियों से पासा बनवा लेना.
ये हमेशा तुम्हारी आज्ञा का पालन करेगा. जुए के खेल में सिर्फ तुम्हारी ही जीत होगी.
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