हर बार कैसे जीत जाते थे मामा शकुनि, ये है जादुई पासे का राज

कुटिल बुद्धि

महाभारत में दुर्योधन (Duryodhan) के मामा शकुनि (Mama Shakuni) को कुटिल बुद्धि और धूर्तता के लिए जाना जाता है.

युद्ध के जिम्मेदार

कहा जाता है कि शकुनि ही महाभारत युद्ध के जिम्मेदार थे. उन्होंने ही कौरवों के मन में पांडवों के प्रति नफरत भरी थी.

द्रौपदी को हारे

मामा शकुनि जुए के खिलाड़ी थे. उनके कारण ही पांडव जुए में द्रौपदी को हार गए थे.

मनचाही संख्या

ऐसा कहा जाता है कि मामा शकुनि 1 से 6 के बीच जो भी संख्या कहते थे, पासा उसी संख्या को लाता था.

जादुई पासे

दरअसल, शकुनि चौसर' में जिन पासों का इस्तेमाल करत थे, वे कोई आम पासे नहीं थे. बल्कि जादुई पासे थे.

हड्डियों से बना

ऐसा माना जाता है कि शकुनि के पासे उनके मृत पिता की हड्डियों से बने थे. शकुनि के पिता की आत्मा का उस पासे में वास था.

उंगलियों का पासा

शकुनि की चौसर में खासा रूचि थी. इसी को देखते हुए उनके पिता ने कहा था कि मेरी मृत्यु के बाद मेरी उंगलियों से पासा बनवा लेना.

जीत

ये हमेशा तुम्हारी आज्ञा का पालन करेगा. जुए के खेल में सिर्फ तुम्हारी ही जीत होगी.

Disclaimer

यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.