कभी नहीं मरता ये अमर पक्षी! अपनी ही राख से होता है पैदा!

फीनिक्स पक्षी

मिस्त्र और फारसी जैसी कई संस्कृतियों के अनुसार फीनिक्स पक्षी बेहद रंगीन, सुनहरा और बैंगनी होती है. यह दिखने में चील जैसा होता है. इसका जीवन 500 से 1000 वर्षों तक होता है.

जीवन की अनोखी कहानी

इसके जीवन काल की एक अनोखी कहानी को लेकन माना जाता है कि फीनिक्स का अंत बेहद अचंभित करने वाला है तो चलिए जानते हैं इसकी पूरी कहानी क्या है?

खुद से जन्म लेने वाला

फीनिक्स पक्षी के बारे में ऐसी मान्यता है कि इसके न तो अंडे होते हैं और न ही बच्चे, ये खुद ही जन्म लेते हैं. ये पक्षी अपने मृत्यु का इंतजाम खुद करते हैं.

सुंदरता से मोहित

कुछ कथाओं के अनुसार जब सुर्य ने पृथ्वी पर रंग-बिरंगे और झिलमिलाते हुए लाल पक्षी को देखा तो उसकी सुंदरता से मोहित हो गए.

खुद का पक्षी बनाने की चाह

सुर्य ने उससे कहा कि तुम साथ मेरे पक्षी बनकर रहोगे और मेरे साथ हमेशा जीवित रहोगे. इतना सुनकर फीनिक्स खुश हो गया.

रेगिस्तान में बसेरा

फीनिक्स इतना खूबसूरत था कि, जो भी उसको देखता उसकी तरफ आकर्षित होने लगता, जिससे बचने के लिए वह रेगिस्तान में चला गया.

बूढ़ा हो गया फीनिक्स

यहां उसे कोई परेशान करने वाला नहीं था. समय के साथ 500 साल बीत गये और अब फीनिक्स बूढ़ा हो चला था, लेकिन उसकी मृत्यु नहीं हुई थी.

जड़ी-बुटियों का घोंसला

वह उड़ नहीं सकता था इसलिए उसने सुगंधित जड़ी-बुटियों से अपना घोंसला बनाया और सुर्य से प्रार्थना किया कि अपनी ताप से उसे जला दे.

अपनी मृत्यु की चाह

सुर्यदेव ने उसकी प्रर्थना सुनी और फीनिक्स जल कर राख हो गया, जबकि उसका घोसला पूरी तरह सुरक्षित था. उसमें बची राख ठंडी होने पर उसमें हलचल होने लगी.

हर क्षण बढ़ने वाला पक्षी

घोसले में एक नवजात पक्षी का सिर बाहर आया, जो हर क्षण के साथ बढ़ने लगा. कुछ ही समय में वह एकदम युवा हो गया और आसमान में ऊंची उड़ान भरी.

Disclaimer:

यहां दी गई सभी जानकारी इंटरनेट से ली गई है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें.