उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्ग पर योगी सरकार ने दुकानों, ढाबों, होटलों पर प्रोपराइटरों के नाम यानी दुकानदारों के नाम स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं.
इस आदेश के बाद पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर कहसुनी हो रही है.
वहीं शासन के आदेश का पालन करवाते हुए मेरठ, मुजफ्फरनगर के साथ सहारनपुर में भी प्रशासन ने सख्ती से इस आदेश का पालन करवाना शुरू कर दिया है.
इस आदेश के मुताबिक दुकानदार को अपनी दुकान, फल के रेड़ी, ढाबा, वो अन्य दुकानों पर अपना नाम स्पष्ट करने का बोर्ड लगाना अनिवार्य है.
वहीं शासन द्वारा दिए गए इस आदेश का असर दिखने भी लगा है और लोग अपनी-अपनी दुकानों, फलों की रेड़ीयों पर अपने नाम का बोर्ड लगा रहे हैं.
इसी बीच कुछ ऐसे लोग भी थे, जो अपने व्यापर को किसी अन्य नाम से चला रहे थे, वहीं अब सबके सामने उनके नाम सामने आना शुरू हो गए हैं.
मेरठ-मुजफ्फरनगर के कांवड़ मार्ग पर बहुत से ऐसे होटल, ढाबा, फलों की रेड़ी और चाय की दुकानें चल रही थीं, जो एनी नाम से चल रही थी, जिसमें एक नाम सलीम होटल का भी है, इस होटल को पहले संगम भोजनालय के नाम संचालित किया जा रहा था.
इसके बाद आता है, बाबू दा ढाबा. शासन का आदेश आने के बाद इस होटल के मालिक ने भी असली नाम लिखा और बाबू दा ढाबा से बदलकर बाबू खां ढाबा रख दिया.
एक चाय की दुकान का नाम भी सामने आता है, जो पहले सिर्फ वकील के नाम से थी, जो अब वकील अहमद के नाम से हो गई है.
बता दें कि पहल ये दुकान सिर्फ वकील साहब टी स्टाल के नाम से संचालित थी.
रेहड़ी पर फल बेचने वालों ने भी शासन का आदेश मानना शुरू कर दिया है. कांवड़ मार्ग पर ठेले पर आम रखने वालों ने आरिफ फल के नाम से अपने ठेले पर नेम प्लेट लगा ली है.