राहत इंदौरी की बेस्ट शायरी, पढ़ लेंगे तो आसानी से नहीं भूलेंगे

तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो, मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो

जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे, मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे

फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो, इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो, ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो

ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था, मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था

अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए, कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए

कॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिए, चारों तरफ़ दरिया की सूरत फैली हुई बेकारी है

कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे, जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे

Disclaimer

यहां दिए गए शेर राहत इंदौरी ने लिखे हैं. Zee Bharat ने इन्हें इंटरनेट से लिया है.