सावन 2024 की शुरुआत हो चुकी है. शिव भक्त शिवजी की भक्ति में लीन हो चुके हैं.
सावन में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि कांवड़ यात्रा से शिवजी जल्द अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं.
हालांकि, कांवड़ यात्रा के दौरान हमें बहुत सारी छोटी-बड़ी बातों का ख्याल रखना होता है.
जैसे की कहा जाता है कि गूलर के पेड़ के नीचे से कांवड़ नहीं ले जाना चाहिए. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह.
शास्त्रों की मानें, तो गूलर के फल में असंख्य जीव होते हैं और इनके फल अक्सर टूटकर नीचे गिरते रहते हैं.
ऐसी परिस्थिति में अगर कोई कांवड़ यात्री गूलर के पेड़ के नीचे से गुजरता है, तो उसके पैरों के नीचे गूलर के फल आएंगे.
पैरों के नीचे उन फलों के आने से इसमें मौजूद असंख्य जीवों की मृत्यु हो जाएगी और कांवड़ियों पर हत्या का पाप लगेगा.
ऐसी स्थिति में उनका जल अशुद्ध हो जाएगा. इसी वजह से गूलर के पेड़ के नीचे से कांवड़ियों को गुजरने से मना किया जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.