साइकोलॉजी के अनुसार, सभी लोगों की इंटेलिजेंस अलग-अलग होती है.
हमारे दिमाग में पाई जाने वाली क्रिस्टल और फ्लुइड इंटेलिजेंस के आधार पर हमारी समझ, व्यवहार, ज्ञान और इंटेलिजेंस में अंतर हो सकता है.
आप कितने बुद्धिमान और स्मार्ट हैं, खुद से उसका आंकलन करना मुश्किल हो सकता है.
साइकोलॉजी के अनुसार, डनिंग-क्रुगर सिंड्रोम की वजह से कम बुद्धिमान लोग खुद को दूसरों से ज्यादा स्मार्ट मानते हैं.
वहीं, ज्यादा बुद्धिमान लोग ठीक इसके विपरीत होते हैं. वह अपनी दिमागी क्षमता को कम आंकते हैं.
साइकोलॉजी के अनुसार, वास्तव में बुद्धिमानी लोग दूसरों की बातें ध्यान से सुनते हैं.
वे थोड़ा उत्सुक स्वभाव के होते हैं. उन्हें नई-नई चीजों के बारे में जानना अच्छा लगता है.
ऐसे लोग दूसरों के सामने विनम्र रहते हैं, इन्हें दिखावा करने की आदत नहीं होती.
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.