आपने अक्सर ऐसा सुना होगा कि 'खुद को तुर्रम खां समझते हो?' ये कहावत काफी फेमस है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कहावत के पीछे की कहानी क्या है और तुर्रम खां कौन हैं?
तुर्रम खां का असली नाम तुर्रेबाज खां था. वे हैदराबाद के स्वतंत्रता सेनानी थे.
तुर्रम खां ने 1857 की क्रांति में हिस्सा लिया था. उन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी.
1857 की क्रांति मंगल पांडे ने शुरू की थी, तुर्रम खां ने इसका हैदराबाद में नेतृत्व किया था.
इस क्रांति में हैदराबाद के निजाम ने अंग्रेजों का साथ दिया था, लेकिन तुर्रम खां ने अंग्रेजों के खिलाफ ही बिगुल फूंक दिया था.
तुर्रम खां ने अपनी छोटी सी सेना के साथ अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. उन्होंने मजबूती से अंग्रेजों का सामना किया.
तुर्रम खां को मिर्जा कुर्बान अली बेग ने जंगल में पकड़ लिया था, फिर उन्हें गोली मार दी गई थी.
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