तयशुदा राशि इलेक्शन लड़ने के लिए उम्मीदवार को एक तयशुदा राशि इलेक्शन कमीशन में जमा करानी होती है, इसे ज़मानत राशि कहते हैं.
Sabiha Shakil
Mar 19, 2024
उम्मीदवारों की ज़मानत ज़ब्त भारत में 1951 में हुए पहले लोकसभा इलेक्शन से लेकर पिछ्ले आम चुनाव तक 71 हज़ार से ज़्यादा उम्मीदवार अपनी ज़मानत ज़ब्त करवा चुके हैं.
ज़मानत ज़ब्त जब कोई उम्मीदवार सीट पर पड़े कुल वोटों का 1/6 यानी छठा हिस्सा भी हासिल नहीं कर पाता तो उसकी ज़मानत ज़ब्त कर ली जाती है.
ज़मानत राशि उम्मीदवारों की ज़मानत की रकम ज़ब्त करके सरकारी ख़ज़ाने में जमा करा दी जाती है.
1951-52 साल 1951-52 में हुए पहले लोकसभा इलेक्शन में तक़रीबन 40 फीसद उम्मीदवार ज़मानत की रक़म बचाने में नाकाम रहे.
1991-1992 साल 1991-92 के लोकसभा इलेक्शन में 7 हज़ार 539 उम्मीदवारों की ज़मानत ज़ब्त हुई.
1996 चुनाव 1996 में हुए इलेक्शन में 12 हज़ार 688 उम्मीदवार अपनी ज़मानत गंवा बैठे थे.
नामांकन उम्मीदवार का पर्चा रद्द होने या फिर नामांकन वापस लेने की हालत में ज़मानत की रक़म राशि वापस कर दी जाती है.
जनरल कैटेगरी लोकसभा चुनाव में जनरल कैटेगरी के उम्मीदवार को 25 हज़ार की ज़मानत राशि जमा करानी होती है.
SC- ST SC और ST वर्ग के उम्मीदवारों के लिए ये राशि 12 हज़ार 500 रुपये होती है.