Teeth Whitening Risk: जब दांतों का पीलापन जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है तो हम 'टीथ वाइटनिंग' की तरफ रुख करते हैं, लेकिन इसके नुकसान के बारे में आपको जान लेना चाहिए.
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Side Effects of Teeth Whitening: दातों की सफेदी और चमक बरकरार रखने के लिए हम कई तरह के उपाय करते हैं, क्योंकि पीले दांतो की वजह से लो कॉन्फिडेंस और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है, इसके आलावा मुंह की बदबू से आसपास रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए हम अक्सर हम पीले दांतों की सफेद करने की कोशिश करते हैं, लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि 'टीथ वाइटनिंग' इतना सुरक्षित नहीं, इससे कई तरह के नुकसान हो सकते हैं.
टीथ वाइटनिंग (Teeth Whitening) के दौरान दांतों पर लगाए जाने वाले मिक्सचर में पेरोक्साइड (Peroxide) का इस्तेमाल किया जाता है, जो मसूड़ों में दर्द या जलन की वजह बन सकती है. कई बार दांतों के आसपास के टिश्यू में सूजन हो जाती है और मसूड़ों से खून भी आने का खतरा बना रहता है.
कई लोगों ने महसूस किया है कि जब भी वो दांतों की सफाई कराते हैं उन्हें गले और पेट में जलन होती है. अगर आपको भी ऐसी परेशानी पेश आए तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें. आमतौर पर टीथ वाइटनिंग के 2 दिनों बाद ये समस्या कम होने लगती है.
हम पीलेपन को दूर करने के लिए भले ही टीथ वाइटनिंग का सहारा लेते हों, लेकिन कई बार मन के मुताबिक नतीजे नहीं मिल पाते. कुछ लोगों के दांत ग्रे या अजीब से रंग के दिखने लगते हैं, इससे दांत साफ होने के बजाए और बुरे लगने लगते हैं, ऐसे में सावधानी जरूरी है.
कई बार आपने महसूस किया होगा कि जब भी कुछ गर्म या ठंडा खाते हैं तो दांतों में तेज झनझनाहट होती है, इसे टीथ सेंसिटिविटी भी कहा जाता है. दरअसल दांतों की सफाई के दौरान ब्लीचिंग एजेंट (Bleaching Agent) का यूज किया जाता है, जो नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि इससे सेंसिटिविटी बढ़ जाएगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)