अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में सोमवार को बनेगा ये रिकार्ड, जानिए 20 साल पुरानी कहानी
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अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में सोमवार को बनेगा ये रिकार्ड, जानिए 20 साल पुरानी कहानी

आईएसएस पर सबसे पहले पहुंचने वालों में अमेरिका के बिल शेफर्ड और रूस के सर्जेइ क्रिक्लेव व यूरी गिडजेन्को थे जिन्होंने कजाखिस्तान से 31 अक्टूबर 2000 को यात्रा शुरू की थी और दो दिन बाद यानी दो नवंबर 2000 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र का दरवाजा खोला था. 

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में सोमवार को बनेगा ये रिकार्ड, जानिए 20 साल पुरानी कहानी

केप कैनेवरेल: अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (International Space Station) दो दशक से पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहा है और सोमवार को यहां मानव मिशन के 20 साल पूरे हो जाएंगे. हालांकि स्पेस सेंटर पर पहुंचने के लिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों के दल ने दो दिन पहले 31 अक्टूबर 2000 को ही उड़ान भरी थी.

2 दशक में अप्रत्याशित बदलाव
इस केंद्र की जब स्थापना हुई और पहली बार अंतरिक्ष यात्री इसमें रहने गए तब वहां तंग,नमी युक्त छोटे तीन कमरे थे. करीब 20 साल और 241 यात्रियों का स्वागत करने वाले इस आईएसएस ने तब से कई बदलाव देखे हैं. अब यह टावर सा लगने वाला जटिल ढांचा बन गया है जिसमें तीन शौचालय, सोने के छह कम्पार्टमेंट और 12 कमरे हैं.

19 देशों की सीधी भागीदारी
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में अबतक 19 देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को रहने का मौका मिला है जिनमें मरम्मत कार्य के लिए जाने वालों के अलावा अपने खर्च पर घूमने की चाहत रखने वालों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, 

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विज्ञान का नया युग
आईएसएस पर सबसे पहले पहुंचने वालों में अमेरिका के बिल शेफर्ड और रूस के सर्जेइ क्रिक्लेव व यूरी गिडजेन्को थे जिन्होंने कजाखिस्तान से 31 अक्टूबर 2000 को यात्रा शुरू की थी और दो दिन बाद यानी दो नवंबर 2000 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र का दरवाजा खोला था. तब वो ISS के रूप में विज्ञान के नए युग की शुरुआत कर रहे थे, वो एकजुटता प्रकट करने के लिए वे एक दूसरे का हाथ थामे हुए थे.

मिशन के मुखिया
शेफर्ड अमेरिकी नौसेना के सील कमांडर थे जिन्होंने स्टेशन कमांडर की भूमिका निभाई. तीनों शुरुआती अंतरिक्ष यात्रियों ने अपना अधिकतर समय आज के मुकाबले कहीं कठिन परिस्थितियों में उपकरणों को ठीक करने और उन्हें लगाने में बिताया था. क्रिक्लेव उन दिनों का याद करते हुए कहते हैं कि नए अंतरिक्ष केंद्र में मशीनों को लगाने और मरम्मत करने में घंटों का समय लगा, जबकि वहीं काम धरती पर मिनटों में हो जाता है.

नासा  में हुई चर्चा
अपने सहयात्री के साथ हाल में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा आयोजित चर्चा में शामिल शेफर्ड ने कहा, ‘प्रत्येक दिन अपने आप में नई चुनौती लेकर आता था.’ अंतरिक्ष केंद्र के पहले यात्रियों ने दो नवंबर 2002 को वहां पहुंचने के दिन को याद करते हुए स्पेस मिशन के पहले कमांडरों ने बताया कि पहला काम हमने जो किया वह आईएसएस की बत्ती जलाना था, वह बहुत यादगार पल था, जिसके बाद हमने पीने के लिए पानी गर्म किया और शौचालय को चालू किया.
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