खून चढ़ाए जाने के बाद HIV से संक्रमित हुई चीनी लड़की
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खून चढ़ाए जाने के बाद HIV से संक्रमित हुई चीनी लड़की

चार साल पहले एक ऑपरेशन के दौरान संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने के बाद पांच वर्षीय बच्ची में एचआईवी संक्रमण हो जाने के कारण देश में रोष व्याप्त हो गया है।

बीजिंग : चार साल पहले एक ऑपरेशन के दौरान संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने के बाद पांच वर्षीय बच्ची में एचआईवी संक्रमण हो जाने के कारण देश में रोष व्याप्त हो गया है।

चीन के फ्युजियान प्रांत की प्रांतीय स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन समिति ने कहा कि स्थानीय मेडिकल यूनिवर्सिटी यूनियन हॉस्पिटल और रक्त उपलब्ध करवाने वाले रक्त केंद्र द्वारा बच्ची और उसके परिवार को ‘मानवीय आधार पर मुआवजा’ दिया जाना चाहिए। ऑपरेशन इसी अस्पताल में हुआ था।

मई 2010 में माओमाओ (काल्पनिक नाम) का दिल से जुड़ी जन्मजात बीमारी के कारण ऑपरेशन हुआ था। उस समय वह महज आठ माह की थी। सितंबर 2014 में शारीरिक परीक्षण के दौरान उसमें वायरस के नतीजे पॉजिटिव आए थे। उसके माता-पिता ने कहा कि माओमाओ अक्सर बीमार पड़ते रहने वाली बच्ची है।

लेकिन उसकी स्थिति अगस्त 2014 में उस समय बेहद खराब हो गई, जब उसे तेज बुखार हो गया और वह 17 दिन तक चला। तब परीक्षण के दौरान वह एचआईवी पॉजिटिव पाई गई। माओमाओ की चिकित्सा का खर्च तीन लाख यूआन (48,320 डॉलर) पहुंच चुका है और उसका परिवार अब कर्ज में डूब चुका है।

उसके माता-पिता का मानना है कि उनकी बेटी की खराब सेहत की वजह वह ऑपरेशन है और इसीलिए वे एक पूरी जांच की मांग कर रहे हैं। माओमाओ के ऑपरेशन में जिन आठ रक्तदाताओं के रक्त का इस्तेमाल किया गया था, उनमें से एक व्यक्ति एचआईवी:एड्स के साथ जी रहा है।

समिति के अधिकारी यांग मिनहोंग ने सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया कि उस व्यक्ति को इस बीमारी की जानकारी नहीं थी और रक्त को ‘विंडो पीरियड’ में स्वीकार किया गया था। ‘विंडो पीरियड’, संक्रमण हो जाने के दो से चार सप्ताह की अवधि को कहा जाता है। इसके बाद ही वायरस की मौजूदगी की पहचान किसी परीक्षण के जरिए की जा सकती है।

यांग ने कहा कि माओमाओ के मामले में पाया गया है कि अस्पताल या रक्त केंद्र ने रक्त संग्रह या रक्ताधान के किसी नियम-कायदे को नहीं तोड़ा। यांग ने कहा, ‘शर्मनाक बात यह है कि आज के इस दौर में भी एचआईवी:एड्स वाले व्यक्ति की पहचान इस अवधि विशेष में नहीं की जा सकती। माओमाओ का यह मामला एक दुर्लभ मामला है, जो कि आज मौजूद रक्त परीक्षण की आधुनिक तकनीकों के बावजूद घटित हुआ।’ अस्पताल और रक्त केंद्र मुआवजे के संबंध में माओमाओ के माता-पिता से बातचीत शुरू करेंगे।

यांग ने कहा, ‘यदि बात नहीं बनती तो माओमाओ का परिवार मुकदमा दायर कर सकता है।’ इसके अलावा एक बुरी बात यह भी है कि यह रक्त दो अन्य मरीजों को भी चढ़ाया गया था। अधिकारी ने कहा कि समिति उन दो मरीजों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। रक्तदाता ने 31 मार्च 2010 को रक्तदान किया था। माओमाओ के मामले के बाद, फ्यूजियान प्रांत के स्वास्थ्य अधिकारी इस तरह के ‘बिना गलती वाले’ रक्ताधान के मामलों में मुआवजे की एक प्रक्रिया तय करने पर भी काम कर रहे हैं।

 

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