Camel Beauty Contest: इस प्रतियोगिता में ऊंटों की सुंदरता को अलग-अलग पैमानों पर मापा जाता है. उदाहरण के लिए, काले ऊंटों को शरीर के आकार, उनके सिर और कानों के अनुसार आंका जाता है.
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Camel Beauty Contest in Qatar: कतर में फीफा वर्ल्ड कप ही नहीं बल्कि एक और प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसने बड़ी संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित होने पर मजबूर किया. यहां ऊंटों के अनोखे ब्यूटी कॉन्टेस्ट का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में दुनिया के सबसे सुंदर ऊंट को विनर चुना गया. ये प्रतियोगिता कई दिनों तक चली और आखिर में विजेता की घोषणा के साथ खत्म हो गई. इस प्रतियोगिता में 700 से ज्यादा ऊंटों ने हिस्सा लिया.
कतर कैमल जाएन क्लब के अध्यक्ष हमाद जबेर अल अथबा के मुताबिक, 'ये आइडिया बिलकुल वर्ल्ड कप के जैसा ही है. यहां ऊंटों का ब्यूटी वर्ल्ड कप आयोजित किया गया है. इस पूरे इवेंट के दौरान आयोजन करने वाली टीम इस बात का ख्याल रखती है कि कोई भी व्यक्ति इसमें बेईमानी न कर सके.'
ये कार्यक्रम पूरे मध्य पूर्व में नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं, जहां पीढ़ियों से लोगों का ऊंटों से जुड़ाव रहा है. इस इवेंट में सबसे ज्यादा दूध देने वाले ऊंट का भी चयन होता है, उसे पुरस्कार दिया जाता है.
विजेता को मिलते हैं इतने रुपये
इस इवेंट में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान के ऊंट को ट्रॉफियां दी जाती हैं. उनके मालिकों को पुरस्कार के रूप में पैसा दिया जाता है. नाजा नाम के ऊंट को पहला स्थान मिला जिसके बाद उसके मालिक ने 200,000 कतरी रियाल (44,72,484 रुपये) कमाए. वहीं सबसे अधिक दूध देने वाले ऊंट के मालिक को 15,000 रियाल मिले.
इस ब्यूटी कॉन्टेस्ट से पहले ऊंटों की भी जांच की जाती है. इस बात का टेस्ट किया जाता है कि इस कॉन्टेस्ट के ऊंटों की कॉस्मेटिक सर्जरी तो नहीं हुई है. ऐसा देखा गया है कि कई ऊंट मालिक अपने ऊंटों को बोटोक्स, फिलर्स और सिलिकन देते हैं. सऊदी अरब में आयोजित इस इवेंट में पिछले साल कॉस्मेटिक बदलाव के कारण कई ऊंटों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
अलग-अलग तरह से विजेता चुने जाते हैं ऊंट
इस प्रतियोगिता में खाड़ी देशों के प्रतिभागी शामिल होते हैं और ऊंटों की उम्र व उनकी नस्ल के आधार पर अलग-अलग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं. अथबा बताते हैं कि इस प्रतियोगिता में ऊंटों की सुंदरता को अलग-अलग पैमानों पर मापा जाता है. उदाहरण के लिए, काले ऊंटों को शरीर के आकार, उनके सिर और कानों के अनुसार आंका जाता है.
वहीं, मघातीर टाइम के ऊंटों के लिए, ये देखा जाता है कि उनके कान नीचे झुके हों बल्कि सीधे खड़े न हों. साथ ही ये भी देखा जाता है कि उनके मुंह का घुमाव कैसा है. जहां तक असेल नस्ल के ऊंटों का संबंध है, उनमें कुछ विशेष विशेषताएं होती हैं. उनके कानों का स्थान महत्वपूर्ण माना जाता है, उनकी हड्डियों और खुरों में एक नाजुकता होनी चाहिए.
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