न्यूयॉर्क: वैज्ञानिकों ने अब पता लगा लिया है कि आप किस तरह पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों को कीटाणुरहित रख सकते हैं। यह बीमारी के खतरे को भी कम करेगा। पत्तेदार सब्जियों को दुकानों में पहुंचाने से पहले व्यावसायिक प्रक्रियाओं से साफ किया जाता है।


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कैलिफोर्निया रिवरसाइड विश्वविद्यालय के निकोला किनसिंगर का कहना है, व्यावसायिक प्रक्रियाओं से साफ की गई सब्जियों में पानी और ब्लीच या विकिरण का इस्तेमाल किया जाता है जो कीटाणुओं पर प्रभावी नहीं होते। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि इस प्रक्रिया से हरी पत्तेदार सब्जियों में बीमारी फैलाने वाले कीटाणु 99% तक जिंदा रहते हैं।


इस प्रयोग में ई. कोलाई सक्रिय रहता है जो इस प्रकोप का कारण है। वहीं वैज्ञानिकों की टीम ने बैक्टीरिया पर हमला करने के लिए एक अलग प्रयोग किया। उन्होंने एक प्लेट प्रवाह चैंबर सिस्टम का प्रयोग किया, जिसमें शोधकर्ताओं ने समांतर प्लेटों में अलग-अलग पालक की पत्तियां रखीं। कम सांद्रता वाले ब्लीच में कीटाणु जीवित रहे और उच्च सांद्रता, जो व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, में बैक्टीरिया पूरी तरह मृत पाए गए।


किनसिंगर ने बताया, पालक की पत्ती की टोपोलॉजी की वजह से पत्ते की 15% सतह पर मौजूद ब्लीच की सघनता मिश्रण की सघनता से 1000 गुना कम होती है। इससे पता चलता है कि इस कारण पत्ते में 90% जीवाणु जीवित होते हैं, जो कि बेहद खतरनाक है।


और इस खतरे को कम करने के लिए शोधकर्ताओं ने एक सस्ती टाइटेनियम डाईऑक्साइड (टीआईओ2) फोटोकेटालिस्ट को अनुकूलित किया है, जो ब्लीच के मिश्रण की सघनता से जुड़कर प्रकाश को अवशोषित करने पर एक तरह का ऑक्सीडेंट पैदा करता है जिसके कारण पत्तियों में जीवित बचे जीवाणु पूरी तरह से समाप्त हो जाते हैं। शोधकर्ताओं की टीम ने अपने इस कार्य को इस सप्ताह में बॉस्टन में आयोजित हुए अमेरिकी रसायन सोसाइटी की राष्ट्रीय बैठक और प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया।