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मजार-ए-शरीफ : उत्तरी अफगानिस्तान में एक सैन्य अड्डे पर तालिबान के हमले में 100 से अधिक अफगान सैनिक मारे गए. देश के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी. अफगान सैन्य स्थलों के खिलाफ घातक हमले की श्रृंखला में यह ताजा मामला है जिससे देश में बढ़ती असुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गई है.
मंत्रालय ने कल मजार-ए-शरीफ शहर के निकट हुए हमले में हताहतों के बारे में विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया. कई घंटे तक चले हमले में मस्जिद और भोजनालय में सैनिकों को निशाना बनाया गया. अमेरिकी सेना ने कहा कि हमले में ‘50 से ज्यादा’ अफगान सैनिकों की मौत हो गई जबकि हमले के समय सैन्य अड्डे पर मौजूद अफगान सेना के सूत्र ने कई लोगों के घायल होने के साथ ही मृतकों की संख्या 150 बताई.
सेना की वर्दी में परिसर में दाखिल हुए आतंकी
सेना के अधिकारी मोहम्मद हुसैन ने कहा, ‘आतंकवादी मशीनगनों के साथ दो ट्रकों का इस्तेमाल करते हुए परिसर में दाखिल हुए. उन्होंने हर किसी पर गोलीबारी की. फिर वे मस्जिद और डाइनिंग रूप में दाखिल हुए. वे सब पर अंधाधुंध गोलियां चला रहे थे.’ तालिबान के इस हमले में दो हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया. सभी हमलावर अफगान सेना की वर्दी में थे और सैन्य वाहनों से पहुंचे थे. सूत्र ने बताया कि हमले में कोई नागरिक नहीं मारा गया.
हमले में कम से कम 10 हमलावर थे शामिल
रक्षा मंत्रालय ने हमलावरों की संख्या के बारे में बताए बगैर कहा कि अफगान सेना ने सभी हमलावरों को मार गिराया. इससे पहले मंत्रालय ने कहा कि एक हमलावर को पकड़ लिया गया है. अड्डे पर मौजूद सैन्य सूत्रों ने कहा कि कम से कम 10 हमलावर थे. सैन्य अड्डे पर युवा सैनिक थे जो प्रशिक्षण के लिए आए थे.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है. एक बार जांच पूरी होने के बाद अधिक जानकारी मुहैया कराई जाएगी. अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी घायल सैनिकों की खरियत जानने के लिए मजार-ए-शरीफ पहुंचे. अफगान अधिकारियों को सैन्य स्थलों पर कुछ बड़े हमलों में हताहतों की संख्या कम करके बताने के लिए पहचाना जाता है. मार्च में डॉक्टर के भेष में बंदूकधारियों ने काबुल में देश के सबसे बड़े सैन्य अस्पताल में घुसकर कई लोगों की हत्या कर दी थी.