अनुच्छेद 370: भूटान, मालदीव के बाद अब बांग्लादेश ने कहा- यह भारत का आंतरिक मामला
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अनुच्छेद 370: भूटान, मालदीव के बाद अब बांग्लादेश ने कहा- यह भारत का आंतरिक मामला

भूटान, मालदीव के बाद अब बांग्लादेश ने भी भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले के समर्थन किया है.

श्रीलंका बहुत पहले भारत के कदम का स्वागत कर चुका है.
श्रीलंका बहुत पहले भारत के कदम का स्वागत कर चुका है.

नई दिल्ली: भूटान, मालदीव के बाद अब बांग्लादेश ने भी भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले के समर्थन किया है. श्रीलंका बहुत पहले भारत के इस कदम का स्वागत कर चुका है. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, "बांग्लादेश इस बात पर कायम है कि भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाया जाना भारत का आंतरिक मामला है. बांग्लादेश ने सिद्धांत के तौर पर हमेशा इस बात की वकालत की है कि क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता बनाए रखना तथा विकास सभी देशों की प्राथमिकता होना चाहिए."

इससे पहले, मालदीव ने भी भारत के कदम को आंतरिक मामला करार दिया था. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमारा मानना है कि किसी भी संप्रभु राष्ट्र का यह अधिकार है कि वह अपने कानून का आवश्यकता के अनुसार संशोधन करे." 

भूटान ने भी भारत के रुख का समर्थन किया है. पीएम मोदी ने दो दिन पहले ही भूटान का दौरा किया था. विदेश सचिव विजय गोखले ने भूटान के रुख के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "भूटान ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि कश्मीर मसला भारत का आंतरिक मामला है." 

 

भारत के दो अन्य पड़ोसी देश नेपाल और अफगानिस्तान पहले ही कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय मामला करार दे चुके हैं. श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने एक ट्वीट में 'लद्दख स्टेट' बनाए जाने के फैसले का स्वागत किया.

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