काबुल: कतर के दोहा में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान (Taliban) के राजनीतिक ऑफिस के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास से मुलाकात की. यह बैठक तालिबान की मांग पर तय की गई. इस दौरान अफगानिस्तान (Afghanistan)  में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और शीघ्र वापसी पर चर्चा हुई. अफगान नागरिकों विशेषकर अल्पसंख्यकों, जो भारत की यात्रा करना चाहते हैं को लेकर भी चर्चा हुई. राजदूत मित्तल ने अफगानिस्तान की धरती का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल किए जाने को लेकर चिंता जताई.


भारत के मुद्दों पर समर्थन का भरोसा 


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बता दें, भारत और तालिना के बीच यह पहली अधिकारिक बैठक है. तालिबान ने भारत के मुद्दों पर समर्थन का भरोसा दिया है. तालिबान के प्रतिनिधि ने राजदूत को आश्वासन दिया कि इन मुद्दों पर सकारात्मक रूप विचार किया जाएगा. दूसरी तरफ अमेरिकी सेंट्रल कमान द्वारा युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पूरी होने के बाद तालिबानियों के बीच जश्न का माहौल है. तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जे को अपनी दूसरी आजादी बता है. साथ ही अफगानिस्तान की जनता को भरोसे में लेने की कोशिश में जुट गया है.


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'हमारा देश पूरी तरह से स्वतंत्र'


तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, 'हमने अपनी आजादी दोबारा हासिल की है और अफगानिस्तान की जनता की हम सेवा करेंगे.' इससे पहले ट्विटर पर लिखा, 'सोमवार की आधी रात को आखिरी अमेरिकी सैनिकों को काबुल हवाई अड्डे से निकाला गया. इस तरह हमारा देश पूरी तरह से स्वतंत्र हो गया है.'


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