US China: तिब्बतियों को लेकर चीन के इस कदम पर भड़का अमेरिका, सुना दी ऐसी बात
सितंबर 2022 में, सिटिजन लैब ने बताया कि चीनी पुलिस ने छह साल में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) में लगभग 9.20 लाख से 12 लाख डीएनए नमूने एकत्र किए हैं. टीएआर पारंपरिक तिब्बत के लगभग आधे हिस्से में फैला हुआ है. ये आंकड़े क्षेत्र की कुल आबादी के एक-चौथाई से एक-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने चीन द्वारा तिब्बतियों के डीएनए एकत्र करने की खबरों पर सार्वजनिक रूप से चिंता व्यक्त की है. वह इस मुद्दे को उठाने वाले अब तक के सबसे वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी हैं. फ्रीडम हाउस के वार्षिक फ्रीडम अवार्डस में विशेष वक्ता के रूप में बुधवार को ब्लिंकेन ने कहा: हम तिब्बत में बड़े पैमाने पर डीएनए संग्रह के प्रसार की रिपोर्ट से भी चिंतित हैं, जो तिब्बती आबादी पर नियंत्रण और निगरानी के एक और तरीका है.
सितंबर 2022 में, सिटिजन लैब ने बताया कि चीनी पुलिस ने छह साल में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) में लगभग 9.20 लाख से 12 लाख डीएनए नमूने एकत्र किए हैं. टीएआर पारंपरिक तिब्बत के लगभग आधे हिस्से में फैला हुआ है. ये आंकड़े क्षेत्र की कुल आबादी के एक-चौथाई से एक-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं.
उसी महीने, ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा कि चीन के अधिकारी व्यवस्थित रूप से टीएआर के निवासियों से डीएनए एकत्र कर रहे थे, जिसमें माता-पिता की सहमति के बिना पांच साल की उम्र के बच्चों के खून के नमूने लेना शामिल था. ब्लिंकन के बयान पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रत्यारोप लगाया है.
हालांकि, इंटरनेशनल कैंपेन फॉर तिब्बत (आईसीटी) ने सचिव की टिप्पणी का स्वागत किया. वाशिंगटन डी.सी. और यूरोप में स्थित आईसीटी ने कहा, तिब्बत पर अपने क्रूर कब्जे के दौरान चीन ने बड़े पैमाने पर डीएनए संग्रह के इस भयानक अभियान समेत सामाजिक नियंत्रण के अथक तरीकों के लिए तिब्बत को एक प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल किया है.
तिब्बतियों को चीन के अधिनायकवादी शासन से बचाने का सबसे अच्छा तरीका चीन के तिब्बत पर अवैध कब्जे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए जोर देना है. अमेरिका कांग्रेस के दोनों सदनों में लंबित तिब्बत-चीन संघर्ष अधिनियम के द्विदलीय प्रचार प्रस्ताव को पारित करके ऐसा कर सकता है. सिटीजन लैब के अनुसार, चीन का डीएनए संग्रह कार्यक्रम आपराधिक न्याय से संबंधित नहीं है.
सिटिजन लैब ने अपनी रिपोर्ट में कहा, हमारा विश्लेषण बताता है कि सालों से तिब्बत भर में पुलिस ने पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के डीएनए नमूने एकत्र किए हैं, जिनमें से कोई भी आपराधिक संदिग्ध नहीं लगता है. पुलिस कार्यकर्ताओं या सरकार के आलोचकों जैसे विशिष्ट समूहों को भी निशाना नहीं बना रही है. इसकी बजाय, वे पूरे समुदाय से डीएनए एकत्र कर रहे हैं.
इसी तरह, एचआरडब्ल्यू ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि, सर्वाजनिक रूप से उपलब्ध ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिससे पता चलल सके कि लोगों के पास मना करने विकल्प है या पुलिस के पास आपराधिक आचरण का विश्वसनीय सबूत है जिससे इस तरह के संग्रह की जरूरत हो. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने ब्लिंकेन की टिप्पणियों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए बुधवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में दावा किया कि उसका सनसनीखेज खबर बनाने के अलावा कोई मतलब नहीं है.
इसके बाद वांग ने अमेरिकी सेना पर चीनी, अरब और यूरोपीय आर्यों के जीनोमिक डेटा एकत्र करने का आरोप लगाया. चीन ने 60 साल से ज्यादा समय से तिब्बत पर अवैध कब्जा कर रखा है जिसके कारण 1959 में दलाई लामा को निर्वासन के लिए मजबूर होना पड़ा. इस साल की शुरुआत में अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन ने एक विधेयक फिर से पेश किया जो कब्जे को शांतिपूर्वक हल करने में मदद कर सकता है.
तिब्बत-चीन संघर्ष अधिनियम के पारित होने से चीन पर दलाई लामा के दूतों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का दबाव पड़ेग. दोनों पक्षों के बीच 2010 में बातचीत ठप हो गई थी. ह कानून तिब्बतियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को मान्यता देगा.