China के खिलाफ America ने बनाई नई रणनीति, Psychological Warfare से बीजिंग को मात देने की तैयारी
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China के खिलाफ America ने बनाई नई रणनीति, Psychological Warfare से बीजिंग को मात देने की तैयारी

जानकारों के मुताबिक, अमेरिका द्वारा जारी की गई फोटो निश्चित रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध की उसकी तैयारी को दर्शाती है. इसके जरिए यूएस ने यह दिखाने का प्रयास किया है कि वो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को तात्कालिक खतरे के रूप में नहीं देखता. 

 

फाइल फोटो: रॉयटर्स

वॉशिंगटन: चीन (China) के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका (America) बीजिंग को मानसिक रूप से परास्त करने में जुट गया है. अमेरिका यह दर्शा रहा है कि समुद्र में बढ़ती चीनी गतिविधियों से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता और वो जब चाहे स्थिति अपने नियंत्रण में ले सकता है. अमेरिकी नौसेना ने इस मनोवैज्ञानिक युद्ध की पूरी तैयारी कर रखी है. हाल में अमेरिकी और चीनी युद्धपोतों का आमना-सामना भी हुआ है.

  1. ताइवान को लेकर दोनों देशों में बढ़ गया है तनाव
  2. चीनी जहाज कई बार कर चुके हैं घुसपैठ
  3. अमेरिका ने कई बार चीन को दी है चेतावनी 

Strike Groups किए तैनात

हांगकांग स्थित अंग्रेजी अखबार साउथ चाइना मार्निग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और चीन ने पूर्व और दक्षिण चीन सागर में अपने एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स तैनात कर दिए हैं. अमेरिका ने रविवार को एक तस्वीर जारी की, जिसमें दिखाया गया है कि उसके गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर चीनी एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स का पीछा कर रहे हैं. जानकारों का मानना है कि अमेरिका का यह कदम चीन को स्पष्ट संदेश देने के लिए उठाया गया है.

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America ने जारी की फोटो

काऊशुंग स्थित ताइवान की नौसेना अकादमी के पूर्व प्रशिक्षक का कहना है कि यूएस द्वारा जारी फोटो में कमांडर ब्रिग्स अपने बेड़े के साथ बेहद रिलैक्स अंदाज में कुछ हजार गज की दूरी पर स्थित चीन के लिओनिंग शिप को देखते हुए नजर आ रहे हैं. जबकि उनके डिप्टी उनके पास में ही बैठे हुए हैं. दोनों एक तरह से जता रहे हैं कि वे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के अपने समकक्षों को बेहद हल्के में लेते हैं.

PLA को खतरा नहीं मानता US

पूर्व प्रशिक्षक ने कहा कि यह पूर्वनियोजित फोटो निश्चित रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध है, जो दिखाता है कि अमेरिका PLA को तात्कालिक खतरे के रूप में नहीं देखता. उधर, चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि फोटो से पता चलता है कि पीछा करते समय अमेरिकी युद्धपोतों ने सुरक्षित दूरी बना रखी थी. गौरतलब है कि चीन ताइवान को लेकर अपनी आक्रमक नीति से बाज नहीं आ रहा है. उसके विमान कई बार ताइवान की सीमा में घुसपैठ कर चुके हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए अमेरिका ने भी अपनी गतिविधि तेज कर दी है. 

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