भारतीयों पर केंद्रित अमेरिका की राजनीति, आंकड़ों में समझे पूरा गणित
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भारतीयों पर केंद्रित अमेरिका की राजनीति, आंकड़ों में समझे पूरा गणित

चुनाव प्रचारों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) बार-बार पीएम मोदी का नाम लेते दिखाई दिए, तो जो बाइडन (Joe Biden) ने उपराष्ट्रपति के पद के लिए ही भारतीय मूल की महिला कमला हैरिस को चुना.

(फाइल फोटो)

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव (America Presidential Election) की पूरी राजनीति भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और  भारतवंसियों पर केंद्रित रही हैं, इसलिए चुनावों में भारत की भूमिका निर्णायक साबित हो सकती है. चुनाव प्रचारों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) बार-बार पीएम मोदी का नाम लेते दिखाई दिए. टेक्सस से लेकर अहमदाबाद तक ट्रंप ने भारतीय वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश की. वहीं इस मामले में जो बाइडन (Joe Biden) भी पीछे नहीं रहे. उन्होंने उपराष्ट्रपति के पद के लिए भारतीय मूल की महिला कमला हैरिस (Kamala Harris) को चुना. यानी भारतीयों को लुभाने की कोशिश दोनों ओर से हुई है.

  1. भारतीयों को लुभाने की कोशिश दोनों पार्टियों ने की है
  2. कैंपेन में ट्रंप ने पीएम मोदी की दोस्ती का सहारा लिया
  3. जो बाइडन ने भारतीय मूल की महिला कमला हैरिस को चुना

भारतीय वोटरों को लुभाने के लिए मोदी का सहारा
चुनावी साल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का भारतीय दौरा यह बताने के लिए काफी था कि चुनाव में अमेरिका में रह रहे भारतीयों का वोट उनके लिए कितना अहम है. ट्रंप के चुनावी अभियान से जुड़े लोगों का मानना है कि इस चुनाव में भारतीय एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. खासतौर पर मिशिगन, पेंसिल्वेनिया और ओहियो, जहां दोनों प्रतिद्वंद्वी एक एक वोट के लिए जूझ रहे होंगे.

डोनाल्ड ट्रंप ने लिया मोदी की दोस्ती का सहारा
भारतीय वोटरों को लुभाने के लिए अपनी पूरी कैंपेन के दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी की दोस्ती का सहारा लिया है. उन्होंने पीएम मोदी से अपनी दोस्‍ती का हवाला देते हुए कहा, '3 नंवबर के राष्‍ट्रपति चुनाव में भारतीय अमेरिकी उनके लिए मतदान करेंगे. उन्होंने कहा कि हमें भारत से बहुत समर्थन मिला है. हमें प्रधानमंत्री मोदी का बहुत समर्थन है. मुझे लगता है कि भारतीय (अमेरिकी) लोग ट्रंप के लिए मतदान करेंगे.'

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भारतीय वोटरों का रिपब्लिकन की ओर झुकाव बढ़ा
अमेरिका में हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक भारतीय अमेरिकी जो पारंपरिक रूप से डेमोक्रेट के लिए वोट करते हैं, उनका झुकाव रिपब्लिकन पार्टी की ओर हुआ है. शोध में कहा गया है कि भारतीय अमेरिकी अब रिपब्लिकन पार्टी के लिए महत्‍वपूर्ण संख्या में तब्दील हो रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण मोदी और ट्रंप की दोस्ती है. भारतीय समुदाय के एक बड़े हिस्से में दोनों नेताओं की दोस्ती का बड़ा प्रभाव है. ट्रंप और मोदी की दोस्‍ती भारतीयों के बीच बहुत लोकप्रिय है. अमेरिका में भारतवंसियों की संख्या करीब 40 लाख के पास है. इसमें से 20.5 लाख लोग वोटर हैं.

जो बाइडन ने कमला हैरिस को मैदान में उतारा 
यही वजह है की राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रटिक पार्टी ने उप राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस का नाम आगे लाकर भारतवंसियों के वोट को लुभाने की कोशिश की है. कमला हैरिस भारतीय मूल की अमेरिकी हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को चुनाव में उतार कर 20.5 लाख भारतीय मूल के मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की है. डेमोक्रेट्स का दावा है कि भारतीय उनके पारंपरिक वोट बैंक है और उनके साथ ही रहेंगे.

दो खेमे में बंटे प्रवासी भारतीय
ये तय है की अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीय असमंजस में हैं. प्रवासी भारतीय दो खेमों में बंटे हुए हैं. एक खेमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मजबूत दोस्ती को भारत के लिए फायदेमंद मानकर ट्रंप को फिर वोट देने के मूड में है तो दूसरा खेमा डेमाक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन को पसंद कर रहा है. अब इंतजार सिर्फ चुनाव के नतीजों का है.

अमेरिका में भारतीयों के वोट का इतना दबदबा क्यों
अमेरिका में भारतीय मूल के करीब 40 लाख लोग रहते हैं, जिसमें 20.5 लाख भारतीय को वोट करने का अधिकार है. अमेरिका के एरिजोना, फ्लोरिडा और जॉर्जिया राज्य में भारतीय वोट किसी भी उम्मीदवार के लिए जरूरी हैं. मिशिगन और टेक्सास समेत 8 सीटों पर भारतीयों के वोट काफी असरदार हैं.

अमेरिका में रह रहे भारतीयों के आंकड़ें
बता दें कि अमेरिका में करीब 12.8 लाख ग्रीन कार्ड धारक हैं. यही नहीं राजनीतिक तौर पर भी भारतीय बेहद ताकतवार हैं. कुल 5 सांसद भारतीय मूल के हैं. अमेरिका में काम करनेवाले भारतीय पढ़े लिखे हैं और ज्यादातर लोग इंजीनियर, डॉक्टर और रिसर्च करते हैं. अमेरिका में कुल 12 प्रतिशत भारतीय वैज्ञानिक हैं. नासा (NASA) में 36 प्रतिशत वैज्ञानिक भारतीय हैं, जबकि 38 प्रतिशत डॉक्टर भारतीय हैं. अमेरिका की बड़ी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के 34 प्रतिशत कर्मचारी भारतीय मूल के हैं और XEROX में भी भारतीयों का कब्जा है, यहां 13 प्रतिशत भारतीय काम करते हैं. वहीं आईबीएम के कर्मचारियों में भारतीय मूल की संख्या 28 प्रतिशत है.

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