अमेरिका पर बड़ा Cyber Attack, परमाणु हथियारों से जुड़ीं कई गोपनीय फाइलें चोरी!
Advertisement

अमेरिका पर बड़ा Cyber Attack, परमाणु हथियारों से जुड़ीं कई गोपनीय फाइलें चोरी!

Cyber Attack on US Nuclear Agency: अमेरिका के राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (NNSA) सहित कई महत्वपूर्ण एजेंसियों को साइबर अपराधियों ने अपना निशाना बनाया है. NNSA ही अमेरिका (America) के परमाणु हथियारों की जिम्मेदारी संभालता है. इसलिए इस अटैक से सरकार सकते में आ गई है.

फाइल फोटो

वॉशिंगटन: दुनिया का सबसे ताकतवर देश कहा जाने वाला अमेरिका (America) साइबर अपराधियों के निशाने पर है. अमेरिका के परमाणु हथियारों के भंडार की देखरेख करने वाली राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (NNSA) और ऊर्जा विभाग (डीओई) सहित कई एजेंसियों के नेटवर्क पर साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) ने बड़ा हमला किया है. कहा जा रहा है कि हैकर्स बड़ी संख्या में गोपनीय फाइलें चोरी करने में कामयाब रहे हैं. अमेरिकी मीडिया कंपनी पॉलिटिको ने अपनी एक रिपोर्ट में संबंधित विभागों के अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है.

  1. अपराधियों ने कई एजेंसियों को बनाया निशाना 
  2. माइक्रोसॉफ्ट के सिस्टम में हैंकिंग से जुड़े सॉफ्टवेयर मिले
  3. ट्रंप प्रशासन में कमजोर हुई अमेरिकी सुरक्षा
  4.  

सुरक्षा में बड़ी चूक

साइबर अटैक (Cyber Attack) की जानकारी लगते ही राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन और ऊर्जा विभाग की टीम ने हैकिंग से जुड़ी सभी जानकारी US कांग्रेस समिति को भेज दी है. हालांकि, सरकार यह मानने को तैयार नहीं है कि इस अटैक में कोई गोपनीय जानकारी चुराई गई है. बात दें कि NNSA ही अमेरिका (America) के परमाणु हथियारों की जिम्मेदारी संभालता है. इसके नेटवर्क पर हमले को अमेरिका की सुरक्षा में बड़ी चूक के तौर पर देखा जा रहा है. 

ये भी पढ़ें -फिर जिद पर अड़े Donald Trump, आखिरी वक्त पर White House छोड़ने से कर सकते हैं इनकार

Microsoft भी आई निशाने पर!
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराधियों ने टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट को भी निशाना बनाया, लेकिन कंपनी ने इससे इनकार किया है. कंपनी का कहना है कि उसे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है और न ही उसके उत्पादों का इस्तेमाल कर अन्य एजेंसियों को निशाना बनाया गया. हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने इतना जरूर माना है कि उसके सिस्टम में हैंकिंग से जुड़े सॉफ्टवेयर पाए गए हैं. जिन अमेरिकी एजेंसियों में संदिग्ध गतिविधियां रिकॉर्ड की गईं हैं उनमें न्यू मैक्सिको और वाशिंगटन का फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमीशन,राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन, ऊर्जा विभाग सहित कुछ अन्य एजेंसियां भी शामिल हैं. साइबर अपराधियों के निशाने पर आईं सभी एजेंसियां अमेरिका के परमाणु हथियारों के भंडार को नियंत्रित और उनका सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करती हैं.

अमेरिका ने Russia पर जताया शक

अमेरिका को शक है कि उस पर साइबर हमला रूस ने करवाया है. इससे पहले भी अमेरिका कई बार रूस पर साइबर अटैक का आरोप लगा चुका है. मालूम हो कि अमेरिका की साइबर सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य रूप से साइबर सिक्योरिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (सीआईएसए) के पास है. जानकर मानते हैं कि ट्रंप प्रशासन में इस एजेंसी को काफी कमजोर किया गया है. इसके पूर्व निदेशक क्रिस्टोफर क्रेब्स सहित कई शीर्ष अधिकारियों को या तो सरकार ने बाहर का रास्ता दिखाया या फिर उन्होंने परेशान होकर खुद ही इस्तीफ़ा दे दिया.

VIDEO

Trending news