वॉशिंगटन: भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के विकास के लिए उठाए जा रहे कदमों का अमेरिका (America) ने स्वागत किया है. अमेरिका ने कहा है कि भारत सरकार (Indian Government) अपने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के आर्थिक एवं सियासी हालात को पूर्ण रूप से सामान्य करने की दिशा में जो प्रयास कर रही है, हम उससे संतुष्ट हैं और उसका स्वागत करते हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price)  ने कहा कि हम लगातार जम्मू-कश्मीर में हो रहे बदलाव पर नजर रखे हुए हैं. कश्मीर के संबंध में हमारी नीतियां नहीं बदली हैं.


मजबूत Relation का दिया हवाला


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नेड प्राइस ने कहा कि भारत ने लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप जम्मू-कश्मीर में आर्थिक और सियासी हालात को पूरी तरह से सामान्य करने के लिए जो कदम उठाए हैं, वे सराहनीय हैं. प्रवक्ता ने आगे कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्ते काफी अच्छे हैं. विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन को अपने भारतीय समकक्ष के साथ द्विपक्षीय रूप से और क्वाड के जरिए बातचीत के अवसर मिले हैं. हम लगातार भारत के संपर्क में हैं. बता दें कि क्वाड भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का समूह है, जिसका मकसद हिंद-प्रशांत को मुक्त क्षेत्र सुनिश्चित करना है.


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'दोनों देशों से अच्छे रिश्ते'


भारत और पाकिस्तान के बारे में बोलते हुए नेड प्राइस ने कहा, ‘दोनों देशों के साथ हमारे साझा हित हैं और उनके साथ मिलकर काम करते रहेंगे. जब अमेरिका की विदेश नीति की बात आती है तो यह एक का लाभ और दूसरे की हानि का विषय नहीं होता. हमारे बीच लाभकारी और रचनात्मक संबंध हैं और ऐसे संबंधों में एक के साथ हमारे संबंधों से दूसरे की अहमियत कम नहीं होती. इसमें एक के साथ हमारे रिश्ते दूसरे की कीमत पर नहीं होते’.


4G का किया था स्वागत


इससे पहले, अमेरिका ने घाटी में 4G मोबाइल इंटरनेट सेवा की बहाली का स्वागत किया था. विदेश मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा था कि भारत के जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सुविधा बहाल होने का हम स्वागत करते हैं. यह स्थानीय निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और हम राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राजनीतिक एवं आर्थिक प्रगति जारी रखने को लेकर आशावान हैं. गौरतलब है कि पूरे जम्मू-कश्मीर में पांच फरवरी से 4G मोबाइल इंटरनेट सेवा पुन: बहाल कर दी गई है.


इसलिए लगाया था Ban


अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाकर इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था, जिसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर 4G इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. राज्य में इंटरनेट की स्पीड कम होने से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था. हालांकि, इस कदम ने आतंकी नेटवर्क को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई है.