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वॉशिंगटन: अमेरिका (America) ने साफ कर दिया है कि वो वीगर मुसलमानों (Uighur Muslims) के नरसंहार पर चीन (China) को बख्शने के मूड में नहीं है. अमेरिका ने कहा है कि अब इस मुद्दे पर चीन से आमने-सामने बात होगी. क्वाड (QUAD) देशों के प्रमुखों की आज होने वाली बैठक से पहले व्हाइट हाउस (White House) की प्रेस सचिव जेन साकी (Jen Psaki) ने कहा कि क्वाड बैठक में चीन सहित विभिन्न मुद्दों पर बात होगी, लेकिन वीगर मुसलमानों के नरसंहार पर हम चीन से आमने-सामने बैठकर बात करेंगे और प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाएंगे.
चीन के साथ अमेरिका की 18 मार्च को अलास्का के एंकोरेज (Anchorage, Alaska) में आमने-सामने वार्ता होगी. इस संबंध में बोलते हुए जेन साकी ने कहा, ‘अमेरिका वीगर नरसंहार पर चीन के साथ सख्ती से बात करेगा. इसके अलावा, ताइवान, तिब्बत, हांगकांग और दक्षिण चीन सागर जैसे कई मुद्दों पर भी बातचीत होगी. विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन (Tony Blinken) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवान (Jake Sullivan) अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ इस बैठक में हिस्सा लेंगे.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने आगे कहा कि चीन के साथ कोरोना के मुद्दे पर भी चर्चा होगी. चीन ने कोरोना महामारी को लेकर पारदर्शिता नहीं दिखाई है. उन्होंने यह भी कहा कि यूएस ऐसे क्षेत्रीय अवसरों पर भी बात करेगा, जहां दोनों देश मिलकर काम कर सकते हैं. वहीं, एक अलग प्रेस कांफ्रेंस में विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने कहा कि 18 मार्च को होने वाली बैठक में चीन को कुछ कठिन सवालों का सामना करना होगा. फिर चाहे वह वीगर मुसलमानों का शोषण हो या ताइवान का मुद्दा. उन्होंने कहा कि चीन को यह दर्शाना होगा कि वो अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंध सुधारने के लिए गंभीर है.
पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए नेड प्राइस ने कहा कि बैठक में हम बीजिंग को बताएंगे कि कैसे उसके कार्य और व्यवहार न केवल अमेरिका बल्कि उसके सहयोगी देशों को चुनौती पेश कर रहे हैं. प्राइस ने कहा कि बीजिंग के साथ दूसरे मुद्दों पर भी बात होगी, जिसमें जलवायु परिवर्तन और कोरोना शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका सभी देशों से अच्छे रिश्तों का पक्षधर है, लेकिन चीन को यह दर्शाना होगा कि वह रिश्तों को सुधारना चाहता है. उसे वीगर मुसलमानों के नरसंहार पर रोक लगानी होगी और मानवाधिकारों का सम्मान करना होगा.
अमेरिकी रक्षा मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि शिनजियांग प्रांत में वीगर मुसलमानों के खिलाफ चीन के नरसंहार पर अमेरिका जोर-शोर से आवाज उठाता रहेगा. उन्होंने कहा था कि इस मामले में हमारा रुख स्पष्ट है और हम इसे नरसंहार, मानवाधिकारों के उल्लंघन के तौर पर देखते हैं और हम इसके खिलाफ आवाज उठाना जारी रखेंगे. अमेरिकी सांसदों को संभावित कदमों के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्री ने कहा था, 'मुझे लगता है कि हम कई चीजें कर सकते हैं और ऐसा करेंगे भी. सबसे महत्वपूर्ण है कि इस बारे में बोलना जारी रखें और हमें सुनिश्चित करना होगा कि दूसरे देश भी आवाज उठाएं. चीन सिर्फ हमारी आवाज पर ध्यान नहीं देगा जब तक कि दुनिया भर से आवाज ना उठे. इसके बाद ही बदलाव की गुंजाइश पैदा होगी’. उन्होंने यह भी कहा था कि हम कई तरह के कदम उठा सकते हैं. इसके तहत नरसंहार, मानवाधिकार के उल्लंघन के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया जाए, पाबंदी लगाई जाए और वीजा पर प्रतिबंध लगाने के विकल्प भी हैं.