एपेक समिट: वियतनाम में एक बार फिर रूबरू हुए ट्रंप और पुतिन
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एपेक समिट: वियतनाम में एक बार फिर रूबरू हुए ट्रंप और पुतिन

एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग के तहत 21 देशों के नेताओं की बैठक शुरू हो गई है. इस दौरान शनिवार (11 नवंबर) को सुबह ट्रंप और पुतिन ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया.

एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन में शामिल राष्ट्र नेताओं की सामूहिक तस्वीर. (PTI/11 Nov, 2017)

दनांग (वियतनाम): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन दोनों एक बार फिर रूबरू हुए. वियतनाम के दनांग शहर में इंटरकॉन्टिनेंटल दनांग सन पेनिनसुला रिजॉर्ट में तस्वीर खिंचवाने के दौरान दोनों के बीच बातचीत हुई. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ट्रंप के दूसरी तरफ खड़े नजर आए. तस्वीर के लिए ट्रंप दूसरी पंक्ति में खड़े थे.

एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग के तहत 21 देशों के नेताओं की बैठक शुरू हो गई है. इस दौरान शनिवार (11 नवंबर) को सुबह ट्रंप और पुतिन ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया. व्हाइट हाउस की तरफ से बताया गया है कि वियतनाम में दोनों के बीच कोई औपचारिक मुलाकात नहीं होगी.

ट्रंप वियतनाम में होने वाले आर्थिक सम्मेलन में शनिवार (11 नवंबर) को पूरे दिन चलने वाली बैठकों में शामिल होंगे. वह शनिवार को यहां दनांग के तटीय शहर में आयोजित एपीईसी बैठक में शामिल होने पहुंचे. ट्रंप यहां अन्य वैश्विक नेताओं और जनता के साथ होने वाली कई बैठकों में शामिल होंगे. 

डोनाल्ड ट्रंप, व्लादिमीर पुतिन ने सीरिया में ISIS के खात्मे के लिए खाई कसम: क्रेमलिन

वहीं दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खात्मे की जरूरत पर सहमत हुए हैं. दोनों ने सभी देशों से युद्धग्रस्त देश में मानवीय सहायता का निर्माण करने का आह्वान किया है. एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) के शिखर सम्मेलन के मौके पर शनिवार (11 नवंबर) को पुतिन और ट्रंप द्वारा जारी एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि दोनों नेता सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की दोहराते हैं और वहां संघर्ष कर रही पार्टियों से जिनेवा राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने का आह्वान करते हैं. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने आईएस के खात्मे की आवश्यकता को दोहराया.

समाचार एजेंसी तास की खबर के मुताबिक, दोनों नेताओं ने कहा कि सीरिया में संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है. साथ ही नेताओंने आने वाले महीनों में दमिश्क को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से योगदान बढ़ाने का अनुरोध किया. बयान में कहा गया है कि अमेरिकी और रूसी राष्ट्रपति सशस्त्र बलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और मौजूदा सैन्य संचार चैनल को बनाए रखने के साथ आईएस आतंकवादी समूह से लड़ने वाले सहयोगी दलों से जुड़ी खतरनाक घटनाओं को रोकने के लिए सहमत हुए हैं.

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