यरूशलम: यरूशलम (jerusalem) में दशकों में हुए सबसे भयानक साम्प्रदायिक दंगों के बाद देश में शांति कायम करने की कोशिशों के बीच लोग मानवता की मिसालें पेश कर रहे हैं. लोग अन्य समुदाय के लोगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उनके साथ न केवल मित्रवत बर्ताव कर रहे हैं बल्कि जान गंवा चुके अपनों के अंग दान भी कर रहे हैं ताकि किसी और को जीवन मिल सके. ऐसे ही 'दान' से अरब की महिला को नई जिंदगी मिली है.


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मानवता की मिसाल
इजराइल (Israel) और फलस्तीन (Palestine) के चरमपंथी संगठन हमास (Hamas) के बीच युद्ध के दौरान अरब के नागरिकों और यहूदियों के बीच जम कर संघर्ष हुआ. पिछले दो सप्ताहों में वाहनों, रेस्त्रों और यहूदी प्रार्थनास्थलों को आग के हवाले करने की अनगिनत घटनाएं हुई. न्यूज पेपर ‘हारेत्ज’ की एक खबर के अनुसार इजराइली अरब महिला का पिछले सप्ताह Kidney transplantation किया गया और इसके लिए लोड शहर में दंगों में मारे गए एक यहूदी पुरुष की किडनी दान की गई.


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नहीं मिल रहा था डोनर
खबर के मुताबिक यरूशलम की रहने वाली रैंडा एवैस (58) को करीब दस वर्ष से किडनी का रोग था और सात वर्ष से उनका नाम Transplantation की लिस्ट में दर्ज था लेकिन दानदाता नहीं मिलने से उनकी किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो पाई. दंगे में मारे गए यिगाल येहोशुआ (56) की किडनी मिलने पर उनकी Kidney transplantation की गई. गौरतलब है कि लोड शहर दंगों से सर्वाधिक प्रभावित रहा है. दंगे शुरू होने के बाद इजराइल ने शहर में आपातकाल घोषित कर दिया था और नाइट कर्फ्यू लगा दिया था.


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