जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे को भारत द्वारा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान में बेचैनी चरम पर पहुंचती दिख रही है.
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इस्लामाबाद: जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे को भारत द्वारा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान में बेचैनी चरम पर पहुंचती दिख रही है. घबराहट की हालत में तमाम नेता भारत की तरफ से पैदा किसी अज्ञात भय से पीड़ित जैसे दिख रहे हैं और युद्ध की बातें कर रहे हैं. इसी सिलसिले की ताजा कड़ी में पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख का बयान आया है कि पाकिस्तान की सेना सदैव कश्मीर के साथ खड़ी रहेगी और 'अपना राष्ट्रीय कर्तव्य निभाने से पीछे नहीं हटेगी.' पाकिस्तान में पाई जाने वाली बेचैनी का अंदाज इससे लग सकता है कि प्रधानमंत्री इमरान खान को लगता है कि भारत, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर हमला कर सकता है.
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने बुधवार को कहा कि अगर उनके देश पर युद्ध थोपा गया तो वह पीछे नहीं हटेगा. विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर पर अगर युद्ध की जरूरत पड़े तो देश इसके लिए तैयार है.
अब, पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर अपने संदेश में देश के सैन्य प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने कहा कि देश की सेना कश्मीर के साथ खड़ी है और इस मामले में राष्ट्रीय कर्तव्य के निर्वहन के लिए पूरी तरह से तैयार है. पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा आईएसपीआर के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट में जनरल बाजवा के हवाले से कहा कि कश्मीर पर किसी तरह के समझौते का सवाल नहीं पैदा होता.
उन्होंने कहा कि कश्मीर की हैसियत को न तो 1947 का कागज का कोई टुकड़ा बदल सकता है न मौजूदा (भारतीय) 'गैर कानूनी कदम.' बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान 'भारत के आक्रामक उद्देश्यों' के खिलाफ हमेशा कश्मीरियों के साथ खड़ा रहा है और खड़ा रहेगा. हम कश्मीरियों पर भारत के जोर के सामने एक मजबूत दीवार की तरह खड़े हैं, चाहे इसकी हमें कोई भी कीमत चुकानी पड़े.
कश्मीर पर पाकिस्तान ने कबूल की हार
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद चीन, अमेरिका समेत विश्व बिरादरी में इस मुद्दे को उठाने के बावजूद पाकिस्तान को कोई समर्थन नहीं मिला. चीन ने उसको नसीहत दी तो अमेरिका ने भी पल्ला झाड़ लिया. संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने तो कश्मीर मुद्दे पर जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा. भारत की इस बड़ी कामयाबी को स्वीकार करते हुए आखिरकार पाकिस्तान ने हार मान ली है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ये बात स्वीकार करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों स्थायी सदस्यों (P5) के समक्ष यदि वह कश्मीर मुद्दे को उठाता है तो उसको समर्थन मिलना मुश्किल है. कुरैशी ने यहां तक कहा कि मुस्लिम देशों से भी उनको समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है.
इनपुट आईएएनएस से भी