बेनजीर हत्या मामले में फैसले के खिलाफ अपील करेंगे जरदारी ; कहा- कोर्ट ने न्याय नहीं किया
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बेनजीर हत्या मामले में फैसले के खिलाफ अपील करेंगे जरदारी ; कहा- कोर्ट ने न्याय नहीं किया

पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने 31 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया था.

2007 में एक दशक बाद पाकिस्तान में हो रहे चुनावों में हिस्सा लेने पहुंची भुट्टो की गोलीबारी व बम हमले में हत्या कर दी गई थी. (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शनिवार (2 सितंबर) को कहा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) बेनजीर भुट्टो हत्या मामले में अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करेगी. जियो न्यूज के मुताबिक, सिंध प्रांत के नवाबशाह शहर में ईद उल जुहा की नमाज अदा करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में जरदारी ने अपनी पत्नी की हत्या के मामले में आए फैसले पर नाखुशी जताते हुए कहा, "हम इस फैसले से खुश नहीं हैं. हम इसके खिलाफ अपील करेंगे."

पूर्व राष्ट्रपति शुक्रवार (1 सितंबर) को अपनी बेटियों बख्तावर और असीफा भुट्टो जरदारी के साथ नवाबशाह पहुंचे. सिंध के कानून मंत्री जिया लंजर और अन्य पीपीपी नेताओं ने उनका स्वागत किया. जरदारी ने ईद उल जुहा के अपने संदेश में कहा कि यह अवसर किसी उद्देश्य के लिए बलिदान देने की इच्छा का प्रतीक है. उन्होंने यह भी कहा, "इस अवसर पर मैं अपने देश के लोगों से उन्हें याद करने का आग्रह करता हूं, जिन्होंने अपनी जिंदगियां कुर्बान कर दीं. हम हृदय से उनके ऋणी हैं."

पीपीपी ने इससे पहले बेनजीर भुट्टो हत्याकांड पर आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) के फैसले को 'निराशाजनक' करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि पार्टी फैसले को चुनौती देगी. एटीसी ने गुरुवार (31 अगस्त) को पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित कर दिया था. मामले के पांच अन्य अभियुक्तों को बरी कर दिया गया, जबकि दो पुलिस अधिकारियों को 17-17 साल की कैद की सजा सुनाई गई. पार्टी ने एक बयान में कहा कि मामले में न्याय नहीं हुआ. पार्टी ने कहा कि सबूतों के बावजूद संदिग्ध अल कायदा और तालिबान आतंकवादियों को बरी किया जाना चौंकाने वाला है और यह अल कायदा आतंकवादियों की जीत है.

बेनजीर भुट्टो हत्या मामले में मुशर्रफ भगोड़े घोषित, पांच बरी
पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने गुरुवार (31 अगस्त) को पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया. अदालत ने मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों को बरी कर दिया जबकि दो पुलिस अधिकारियों को 17-17 साल जेल की सजा दी गई. न्यायाधीश असगर खान ने रावलपिंडी के आदियाला जेल में फैसले की घोषणा की. न्यायाधीश ने मुशर्रफ की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया. 2007 में एक दशक बाद पाकिस्तान में हो रहे चुनावों में हिस्सा लेने पहुंची भुट्टो की गोलीबारी व बम हमले में हत्या कर दी गई थी. डॉन ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व सैन्य तानाशाह के लिए बेमियादी गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए. मुशर्रफ इस समय दुबई में निर्वासन में रह रहे हैं.

मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 1999 में सत्ता से हटा दिया था. उनके प्रशासन को बेनजीर भुट्टो को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रहने का जिम्मेदार ठहराया गया था. बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की प्रमुख थीं और दो बार प्रधानमंत्री रह चुकी थीं. अदालत ने पांच आरोपियों रफाकत हुसैन, हुसनैन गुल, शेर जमान, एतजाज शाह व अब्दुल राशिद को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया, क्योंकि उनके खिलाफ सबूत नहीं मिले. अदालत ने दो पुलिस अधिकारियों रावलपिंडी सेंट्रल पुलिस के पूर्व अधिकारी सउद अजीज और रावल शहर के पूर्व एसपी खुर्रम शाहजाद को 17-17 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. इन पर बेनजीर की सुरक्षा में लापरवाही का आरोप सही साबित हुआ.

(इनपुट एजंसी से भी)

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