..जब ओबामा ने कहा- 'कड़े सवाल पूछें, खबरें न दबाएं'
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..जब ओबामा ने कहा- 'कड़े सवाल पूछें, खबरें न दबाएं'

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि संवाददाताओं को सच सामने लाने के लिए कड़े सवाल पूछना चाहिए। अल्पकालिक परिणामों के बारे में नहीं सोचना चाहिए। मीडिया से जवाबदेही की अपेक्षा जताते हुए ओबामा ने कल एक पत्रकार पुरस्कार समारोह में कहा कि कुछ मानकों को बनाए रखना मीडिया प्रतिष्ठानों का दायित्व है।

..जब ओबामा ने कहा- 'कड़े सवाल पूछें, खबरें न दबाएं'

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि संवाददाताओं को सच सामने लाने के लिए कड़े सवाल पूछना चाहिए। अल्पकालिक परिणामों के बारे में नहीं सोचना चाहिए। मीडिया से जवाबदेही की अपेक्षा जताते हुए ओबामा ने कल एक पत्रकार पुरस्कार समारोह में कहा कि कुछ मानकों को बनाए रखना मीडिया प्रतिष्ठानों का दायित्व है।

उन्हें खबरों को दबाने से बचना चाहिए। ओबामा ने कल रात कहा ‘फोर्थ इस्टेट की स्वतंत्रता यह है कि यह सरकार नियंत्रित नहीं है और अपने पक्षकारों, अपने स्वामियों की ओर से लाभ की दिशा में मीडिया कंपनियों का दायित्व है। उनका दायित्व उस लाभ के अच्छे हिस्से को खबरों में लगाना, सार्वजनिक मामलों में जाना, कुछ मानक बनाए रखना, खबरों को न दबाना और यह उंची महत्वाकांक्षा रखना है कि क्या प्रभावशाली खबरें की जा सकती हैं।’ 

उन्होंने कहा ‘‘क्योंकि अच्छी तरह जानकारी रखने वाले मतदाता आप पर निर्भर करते हैं। हमारा लोकतंत्र अच्छी जानकारी रखने वाले निर्वाचक मंडल पर निर्भर करता है। इसलिए आपके लिखे तथ्य और समाज के तौर पर हमें होने वाला नुकसान महत्व रखते हैं। हमें यह चुनना होगा कि चुकाने के लिए कौन सा मूल्य अधिक है या कौन सी कीमत को बर्दाश्त करना मुश्किल है।’  ओबामा ने कहा कि अच्छे पत्रकार अक्सर खुद को प्रतिस्पर्धी ताकतों के बीच फंसा हुआ पाते हैं। अमेरिकी लोकतंत्र को उनकी पहले की तुलना में कहीं ज्यादा जरूरत है।

उन्होंने कहा ‘आप पर गहरा वित्तीय दबाव है। इसलिए मैं मानता हूं कि अगर आपका नेटवर्क और आपके निर्माता आपको बेहतर सुविधाएं दें ताकि आप मुद्दों की तह तक जा सकें तो यह निर्वाचक मंडल के लिए बेहतरीन सेवा होगी।’ 

 

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